प्रहरी संवाददाता (बोकारो)। तेनु-बोकारो नहर से प्रभावित, विस्थापित बेरोजगार संवेदकों ने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक स्मार-पत्र 19 जनवरी को सौंपकर नहर की मरम्मती कार्य की ठेका निविदा को ऑफलाइन करने की मांग की है।
मालूम हो कि तेनु-बोकारो नहर की वार्षिक मरमती कार्य तेनुघाट बांध प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता द्वारा विगत कई साल से किया जाता रहा है। पत्र में कहा गया है कि जो कार्य यहां के बेरोजगार, स्थानीय एवं नहर से प्रभावित संवेदको द्वारा पूर्ण किया जाता है, परंतु विभाग द्वारा इस निविदा को ऑनलाइन करने का निर्देश दिया जाता है।
जिससे यहां के स्थानीय संवेदकों पर रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। कहा गया कि यह निविदा काफी कम राशि की होती है। यह कार्य मात्र 4 से 5 दिनों के अंदर किया जाता है। इस कार्य को यहां के स्थानीय संवेदक बड़ी तत्परता के साथ पूर्ण करते हैं।
यदि यह ऑनलाइन कर दिया गया तो बाहर के संवेदक इस निविदा में भाग लेंगे और स्थानीय संवेदक इस कार्य से वंचित होकर पुरी तरह बेरोजगार हो जाएंगे। इसी को लेकर संवेदकों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर झारखंड की राजधानी रांची के प्रोजेक्ट बिल्डिंग में इन्होंने अपनी समस्याओं से सीएम को अवगत कराया।
संवेदको ने कहा कि नहर के निर्माण में हमलोग विस्थापित हुए हैं। इसी नहर के पानी से झारखंड सरकार को प्रति माह करोड़ों रुपए का राजस्व मिलता है। परंतु, आज छोटे-छोटे कार्य के लिए यहां के स्थानीय मूलवासी संवेदकों को वंचित रहना पड़ता है, जो काफी दुखदाई है।
मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि इस निविदा को अविलंब ऑफलाइन करने का निर्देश विभाग को दिया जाए। इसे लेकर मुख्यमंत्री सोरेन ने जल संसाधन विभाग के सचिव से मामले की रिपोर्ट तलब की है। सीएम को ज्ञापन सौंपने में मुख्य रूप से आशीष पाल, शिवकुमार पाल, धनेश्वर मुर्मू, गणेश मिश्रा, सहदेव मांझी आदि संवेदक शामिल थे।
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