पीयूष पांडेय/बड़बिल (ओड़िशा)। क्योंझर जिले के उन्नीस सरपंचों ने सरकार की बेरुखी और अपनी-अपनी पंचायतों में विकासात्मक परियोजनाओं के कार्यान्वयन में उपेक्षा का दावा करते हुए सामूहिक इस्तीफा देने की धमकी दी है।
जानकारी के अनुसार क्योंझर जिला के हद में तेलकोई प्रखंड के अधिकांश सरपंचों ने उप-कलेक्टर से मिलने और अपना त्याग पत्र सौंपने के लिए जिला मुख्यालय का दौरा किया। बताया जाता है कि पूरे दिन इंतजार के बावजूद उप जिलाधिकारी उपस्थित नहीं हुए।
इस संबंध में 12 जनवरी को तेलकोई सरपंच एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गोविंद प्रधान ने कहा कि हमने पूरे दिन उप-कलेक्टर का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आए। प्रधान के अनुसार उनके असंतोष का हालिया कारण आगामी 17 जनवरी को पुरी के जगन्नाथ मंदिर में श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प (एसएमपीपी) को समर्पित जन संपर्क कार्यक्रम से कथित तौर पर सरपंचों को बाहर रखा जाना था।
कहा कि बीजू जनता दल सरकार अर्पण रथ का आयोजन कर रही है। पुरी कार्यक्रम की तैयारी के लिए राज्य भर के परिवारों से जुड़ने के लिए। नवीन पटनायक सरकार द्वारा अर्पण रथ के लिए धन आवंटित किए जाने के बावजूद, तेलकोई के प्रखंड विकास अधिकारी ने हमारी उपेक्षा की है और कार्यवाही की देखरेख कर रहे हैं।
इस अवसर पर उपस्थित तमाम सरपंचों ने कहा कि क्षेत्र के रहिवासियों तक पहुंचने में सरकारी अधिकारियों की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। इसी तरह, संबलपुर जिले के 17 सरपंचों ने भी सामूहिक इस्तीफे की इसी तरह की धमकी जारी की है।
कहा गया कि राज्य सरकार ने अपने नवीनतम कैबिनेट निर्णय में पुरी में भगवान जगन्नाथ कार्यक्रम में राज्य के रहिवासियों को शामिल करने के लिए ₹155 करोड़ जारी करने को मंजूरी दी। जबकि प्रत्येक पंचायत के प्रतिनिधि पुरी में एसएमपीपी परियोजना के उद्घाटन में व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे। गांवों में शेष रहिवासियों के लिए इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
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