पीयूष पांडेय/बड़बिल (ओड़िशा)। राजस्व वसूली में नम्बर वन है, फिर भी प्रदूषण के मामले फिसड्डी होता जा रहा है ओडिशा। वायु गुणवत्ता सूचकांक के मामले में ओडिशा के छह शहर अब भारत के 16 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार ओडिशा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर समेत कटक, अनुगुल, बालासोर, क्योंझर और तालचेर शहर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने में विफल रहे हैं। इन सभी छह शहरों में बीते 8 जनवरी को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) स्तर 300 से अधिक दर्ज किया गया, जो वायु गुणवत्ता की बहुत खराब श्रेणी में आता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, 301 और 400 के बीच एक्यूआई को बहुत खराब माना जाता है। लंबे समय तक संपर्क में रहने पर यह श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बनता है।
राज्य के बालासोर में एक्यूasi लेबल ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया, जो अपनी खतरनाक वायु गुणवत्ता के लिए विख्यात है। बताया जाता है कि बीते 8 जनवरी को जहां दिल्ली में एक्यूआई 345 था, वहीं अंगुल में 352, कटक 340 के साथ ओडिशा का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर था।
जबकि भुवनेश्वर और बालासोर में प्रत्येक में 334 एक्यूआई मानक दर्ज किया गया। ओडिशा के क्योंझर और तालचेर ने क्रमशः 326 और 304 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसी तरह रायरंगपुर और बड़बील में एक्यूआई क्रमश: 300 और 292 रहा।
ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, भुवनेश्वर में हवा में निलंबित कण पदार्थ (एसपीएम) का खतरनाक स्तर दर्ज किया जा रहा है। मानक के अनुसार, एक्यूआई मानक जितना अधिक होगा, वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही अधिक होगा और स्वास्थ्य संबंधी चिंता भी उतनी ही अधिक होगी। उदाहरण के लिए, 50 या उससे नीचे का एक्यूआई मानक अच्छी वायु गुणवत्ता को दर्शाता है जबकि 300 से अधिक एयर क्वालिटी इंडेक्स मानक खतरनाक वायु गुणवत्ता को दर्शाता है।
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