सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवा सेल माइंस में 18 बाहरी कामगारों को नौकरी देने को लेकर संयुक्त यूनियनों द्वारा लगातार आज नौवें दिन 11 जनवरी को भी आंदोलन जारी रहा है।
जानकारी के अनुसार इस आंदोलन को लेकर संयुक्त यूनियन मोर्चा ने गुवा रामनगर में शाम 5 बजे एक जनसभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संयुक्त यूनियन मोर्चा ने जनसभा के माध्यम से गुवा के दुकानदारों, विभिन्न क्षेत्रों के ग्रामीणों तथा बेरोजगारों को गुवा सेल प्रबंधन द्वारा स्थानीय रहिवासियों के बहाली को दरकिनार करते हुए बाहरी को नौकरी देने के विरोध में गोलबंद करना था।
इस अवसर पर उपस्थित रहिवासियों को संबोधित करते हुए संयुक्त यूनियन पदाधिकारीयों ने कहा कि बाहरी जनों की बहाली को निरस्त करने को लेकर सभी का समर्थन चाहिए, तभी हम सभी गुवा सेल प्रबंधन को आईना दिखाकर बाहरी को भगाकर स्थानीय बेरोजगारों की बहाली के लिए लड़ाई लड़़ सकते हैं।
ज्ञात हो कि एक सप्ताह पूर्व दूसरे राज्य से 18 कामगारों को सेल प्रबंधन द्वारा गुवा सेल में नौकरी दी गई है। यहां के स्थानीय युवा बेरोजगारों को सेल प्रबंधन नौकरी ना देकर दरकिनार कर दिया है।
संयुक्त यूनियन मोर्चा में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडेय, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन इंटक के क्षेत्रीय महामंत्री दुचा टोप्पो, सारंडा मजदूर यूनियन के महामंत्री राजकुमार झा, झारखंड मुक्ति मोर्चा यूनियन के अध्यक्ष पंचम जॉर्ज सोय, सीटू के अध्यक्ष मनोज मुखर्जी, सप्लाई मजदूर संघ के अध्यक्ष राजेश कोड़ा ने अपनी मांगों को लेकर गुवा सेल प्रबंधन को मांग पत्र भी सौंपा गया है। संयुक्त यूनियनों के इस आंदोलन को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, विधायक सोनाराम सिंकु तथा सांसद गीता कोड़ा जरूरी व्यवस्था को लेकर इस जनसभा में शामिल नहीं हो पाए।
बताया जाता है कि 12 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के दिशा निर्देश में आगे की रणनीति बनाई जाएगी। धरना प्रदर्शन करने वालों में उपरोक्त के अलावा अंतर्यामी महाकुड, किशोर सिंह, संजू गोच्छाईत, चंद्रिका खंडाईत, आरती होरो, राकेश यादव, रितेश पाणिग्राही, साधना सिंह, राजकुमार झा, कुल बहादुर, दिलबाग सिंह, नरेश दास, नाजीर खान, नोवामुंडी भाग एक जिला परिषद सदस्य देवकी कुमारी, पश्चिमी पंचायत मुखिया पद्मिनी लागुरी, पंचायत समिति सदस्य भादो टोप्पो, मनोज मुखर्जी, जयसिंह नायक सहित बड़ी संख्या में मजदूर एवं विभिन्न गांव के ग्रामीण रहिवासी मौजूद थे।
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