मुंबई। दो पहिया वाहनों की सघन जांच में नेहरू नगर पुलिस ने करीब सौ चालकों को पकड़ा और उनपर कार्रवाही करते हुए लाखों रुपये बतौर दंड वसूल किया। साधन जांच में नेहरू नगर पुलिस के सीनियर इंस्पेक्टर, क्राइम पीआई के अलावा एटीसी, तड़ीपार और डिटेक्शन के सभी कर्मचारी व अधिकारी मौजूद थे।
नेहरूनगर पुलिस के वरिष्ट अधिकारी विलास शिंदे ने बताया कि मौजूद समय मे चैन स्नैचिंग, लड़कियों से छेड़छाड़ जैसे बढ़ते अपराध और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए, दो पहिया वाहनों की सघन जांच की जा रही है। इस जांच में नेहरू नगर पुलिस के मातहत काम करने वाले सभी विंग्स के कर्मचारी व अधिकारी मौजूद हैं। करीब तीन घंटे चली इस जांच में सौ से अधिक दो पहिया चालकों को विभिन्न कमियों के मामले में पकड़ कर उन्हें दंडित किया गया।
इनमे अधिकांश ऐसे युवक हैं जिनके पास लाइसेंस नहीं होने के बाद भी रोड पर स्टंट करते दिखाई देते है। वरिष्ट अधिकारी शिंदे ने बताया कि सघन जांच में दो पहिया वाहनों के कागजात, लाइसेंस, इंश्योरेंस और खास तौर से हेलमेट की जांच की गई। उन्होंने बताया कि यह अभियान उस समय तक चलता रहेगा जबतक यहां की जनता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोट के आदेशों का पालन नहीं करती।
गौरतलब है कि सघन जांच की कमान नेहरू नगर पुलिस के क्राइम पीआई दीपक सुर्वे ने संभाल रखी थी। उन्होंने बताया कि नई पीढ़ी के युवकों में अधिकांश बिना हेलमेट के ही मोटरसाइकिल या स्कूटर चलाने की आदत हो गए हैं। जो कि अपराध के दायरे में आता है। सुर्वे ने कहा की इन सभी के मैनेजर हम लोगो ने सघन जांच के बहाने जनजागृती अभियान भी चला रहे हैं। ताकि अनहोनी को टाला जा सके। सुर्वे ने कहा की हाल के दिनों में दो पहिया वाहनों से हो होने वाले अपराध व दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है। बिना हेल्मेट रोड एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धी हुई है। यानी बिना हेलमेट दो पहिया चलना जान को जोखिम में डालने जैसा है। इससे हर आयु के लोगों को बचना चाहिए।
इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि नेहरू नगर पुलिस के अधिकारियों ने किसी के साथ भेद-भाव नहीं किया। इस अभियान में एक ऐसा युवक पकड़ा गया जिसके पास वाहन के कागजात, लाईसेंस, इंश्योरेंस और हेल्मेट नहीं था। ऐसे में सुर्वे ने युवक का मोबाईल फोन जब्त कर उसे अपने परिजन को बुलाने को कहा। युवक ने अपने भाई को बुलाया।
यहां उसके भाई का सामना क्राइम पीआई दीपक सुर्वे से हुआ। सुर्वे ने युवक के भाई से वाहन के कागजात और लाइसेंस आदि के बारे में पूछा। इसके बाद बिना लाईसेंस और बिना हेल्मेट के गाड़ी चलाने के एवज में युवक को दंड स्वरूप करीब एक हजार तथा उसके भाई को गाड़ी देने के एवज में दंडित किया गया। ताकि भविष्य में वो बिना लाइसेंस वाले किसी को भी अपनी गाड़ी न दे।
वहीं दूसरी घटना में एक युवती बड़ी शान से अपनी एक्टिवा से बिना हेल्मेट के ही नेहरूनगर पुलिस स्टेशन पहुंची। शायद वह किसी को छुड़ाने के लिए आई थी। पुलिस ने उसे भी बिना हेल्मेट के वाहन चलाने के लिए जुर्माना लगाया। इस अभियान में कई पुलिस कर्मियों के पारिवारिक लोग भी पकड़े गए, उन्हें भी दंड देना पड़ा।
बहरहाल मौजूदा समय में नेहरू नगर पुलिस की हद में बिना हेल्मेट के कम लोग दिखाई देंगे। यहां की पुलिस लोगों में जनजागृति के साथ-साथ अनुशासन भी सीखा रही है। अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा की यहां के लोग अनुशासित होते हैं या…?
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