एस. पी. सक्सेना/ सिमडेगा। झारखंड के कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव में 14 वर्ष बाद जोर का झटका देते हुए कांग्रेस ने भाजपा को पटखनी दी है। बता दें कि कांग्रेस ने 14 वर्ष के वनवास को समाप्त कर जबरदस्त वापसी की है। पार्टी प्रत्याशी नमन विक्सल कोंगाड़ी ने इस चुनाव में रविवार को भाजपा के प्रत्याशी बसंत सोरेंग को 9658 मतों से पराजित किया है।
कांग्रेस प्रत्याशी को कुल 40,343 मत मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी को 30,685 मत मिले। वहीं, तीन टर्म से विधायक रहे झापा के सुप्रीमो व पूर्व मंत्री एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। उन्हें मात्र 16445 मत मिले, जबकि इस बार झामुमो ने भी उनका समर्थन किया था। इस चुनाव में गेम चेंजर की भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय सेंगेल पार्टी के प्रत्याशी अनिल कंडुलना को मेनन एक्का से अधिक 23799 मत मिले।
राष्ट्रीय सेंगेल पार्टी जल, जंगल, जमीन व स्थानीय मुद्दों पर हुए लगातार आंदोलन से निकली पार्टी रही है। वहीं, झामुमो से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले कोलेबिरा के पूर्व झामुमो प्रखंड अध्यक्ष बसंत डुंगडुंग को भी बसंत डुंगडुंग को 3948 वोट मिले। कोलेबिरा उपचुनाव में नोटा के पक्ष में 3694 मत मिले। चुनाव परिणाम आते ही जहां कांग्रेस खेमे में जश्न का माहौल बन गया तो अन्य दलों के खेमे उदासी पसर गई है।
कोलेबिरा सीट पर पहली बार उपचुनाव लड़कर विधायक बने विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि यह झारखंड सरकार की नाकामियों की हार है। कांग्रेस ने राज्य में लगातार सक्षम विपक्ष की भूमिका निभाता रहा है। वहीं, स्थानीय स्तर पर भी जल-जंगल, जमीन की सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों को जोर-शोर से कांग्रेस उठाती रही है। उन्होंने जीत का श्रेय क्षेत्र की जनता को दिया है।
नमन फिलहाल आदिवासी कांग्रेस के चेयरमैन हैं। वहीं, पूर्व में वे युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे है। वह विगत करीब दो साल से जंगल बचाओ आंदोलन से जुड़े रहे हैं। सिमडेगा के खूंटीटोली निवासी नमन विक्सल कोंगाड़ी रांची यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया है।
कोलेबिरा उपचुनाव के उपविजेता बीजेपी प्रत्याशी बसंत सोरेंग ने बताया की उन्हें संगठन से साथ मिला, परन्तु उनके अपने खड़िया समाज का साथ नही मिला। इस वजह से चुनाव हार गए। विदित हो कि मतगणना के पहले से अंतिम राउंड तक बसंत रनर बने रहे। उन्हें कांग्रेस के विक्सल कोंगाड़ी ने 9658 मतों से पराजित किया है।
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने महागठबंधन का स्वरूप शीघ्र तय करने और उस पर अंतिम निर्णय लेने की वकालत की, ताकि अगले चुनावों में वोटों का बिखराव न हो। हेमंत सोरेन ने कहा कि झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने झापा की प्रत्याशी मेनन एक्का को आशीर्वाद दे दिया था, जिस कारण पार्टी ने उपचुनाव में समर्थन दिया। उनके लिए दिशोम गुरु का आशीर्वाद राजनीतिक नफा नुकसान से ऊपर है।
गौरतलब है कि हत्या के एक मामले में सजा सुनाए जाने के बाद एनोस एक्का की विधायकी खत्म होने से यहां उपचुनाव हुए थे। इस चुनाव में झापा प्रत्याशी मेनोन एक्का, कांग्रेस प्रत्याशी नमन विक्सल कोंगाड़ी, भाजपा प्रत्याशी बसंत सोरेंग, राष्ट्रीय सेंगेल पार्टी के प्रत्याशी अनिल कंडुलना तथा निर्दलीय प्रत्याशी बसंत डुंगडुंग शामिल थे।
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