सोहराय से एक दूसरे को मिलने का अवसर प्राप्त होता है-चंद्रशेखर हेंब्रम

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। सोहराय पर्व से एक दूसरे को मिलने का शुभ अवसर प्राप्त होता है। जिसके कारण संगठन तथा परिवार मजबूत होता है। साथ ही इससे भाईचारा कायम रहता है।

उक्त बातें कसमार प्रखंड के हद में सोनपुरा पंचायत के मुखिया चंद्रशेखर हेंब्रम ने 6 जनवरी को सोहराय पर्व पर कही। सिलीसा डैम के लाहरजारा में शगुन सोहराय के समापन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए मुखिया हेंब्रम ने कहा कि आदिवासियों का यह महत्वपूर्ण पर्व माना गया है। यह सुख, शांति एवं मिलन का प्रतीक पर्व है।

मुखिया हेंब्रम ने कहा कि सिली सलाम के लहरजारा में क्लब द्वारा जो कार्यक्रम आयोजित की गई है, यह काफी सराहनीय कदम है। मुखिया ने कहा कि कल आपको मेरी आवश्यकता अगर पड़ी तो मैं हमेशा क्लब के विकास के लिए अग्रसर रहूंगा।

उन्होंने कहा कि पंचायत का चौमुखी विकास कैसे हो इस पर सबों का सहयोग जरूरी है। कहा कि आदिवासी महान पर्व तीन दिनों से चलते आ रहा है। आज इसका समापन दिवस है। उन्होंने कहा कि यहां आदिवासियों का महान पर्व सोहराय प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है।

समापन कार्यक्रम में जी हड़ाम पौराणिक जोग मांझी, श्यामलाल सोरेन, धनेश्वर हांसदा, कमेटी के अध्यक्ष हरिदास सोरेन, सचिव राजेश टुडू, सोनपुरा के मुखिया चंद्रशेखर हेंब्रम का भव्य स्वागत किया गया।मौके पर रामचंद माझी, करमचंद मांझी, मनीष सोरेन, जलेसर टुडू, सनीदेव सोरेन, महादेव सोरेन, जीवन मांझी, नरेंद्र मरांडी, हर्ष लाल, रोशन लाल टुडू, गोविंद सोरेन आदि उपस्थित थे।

 

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