सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी में अनुसूचित जाति कल्याण संघ द्वारा 4 जनवरी को प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फूले की 193वीं जयंती मनाया गया।
इस अवसर पर बालीझोर पंचायत के अनुसूचित जाति कल्याण संघ समाज के अध्यक्ष कृष्णा करूवा एवं सचिव युवा समाजसेवी नितेश कुमार के संयुक्त नेतृत्व में भारत की पहली महिला शिक्षिका समाज सेवी, समाज सुधारक और कवित्री सावित्रीबाई फुले की जयंती को हर्षपूर्वक मनाया गया। उपस्थित गणमान्य जनों ने यहां सावित्री बाई फुले के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया।
इस अवसर पर जयंती कार्यक्रम की शुरुआत अनुसूचित जाति समाज की बुजुर्ग महिला मित मां सुलोचना देवी द्वारा किया गया। समाज अध्यक्ष कृष्णा करूवा ने सावित्रीबाई फुले की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की पहली महिला शिक्षिका समाज सेविका थी, जो महिलाओं के लिए स्कूल की शुरूआत की थी।
उन्होंने कहा कि समाज में न जाने कितने कष्ठ उठाए थे। उन दिनों महिलाओं को शिक्षा का हक नही दिया जाता था। उन्होंने बाल विवाह, विधवा विवाह निषेध सहित कन्या अशिक्षा जैसी देश की कई कुरीतियों को खत्म करने का काम किया।
समाज के सचिव नितेश कुमार करूवा ने कहा कि उनके उच्च विचारों के चलते ही आज भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार आया है। इसके साथ ही समाज सुधारक के तौर पर उन्होंने ऊंच नीच ब्रह्मांड वादी, जाति वादी समाज का अंत करने में अहम योगदान दिया। उनके जयंती पर उन्हें शत शत नमन।
मौके पर उपस्थित अनुसूचित जाति कल्याण संघ के सह सचिव किसान करूवा, बालीझोर ग्राम पंचायत आजीविका महिला समूह अध्यक्ष पूनम देवी, ऋतु गोच्छाईत, कुंती देवी सहित अन्य मौजूद थे।
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