आजादी के बाद आदिवासी बहुल चिरोखाड़ में सड़क निर्माण कार्य से हर्ष

सड़क निर्माण होने से लगभग 25 घरों के आदिवासी समुदायों को होगी राहत

एस. पी. सक्सेना/लातेहार (लातेहार)। लातेहार जिला के हद में चंदवा प्रखंड के कामता पंचायत स्थित ग्राम चटुआग के आदिवासी बहुल चिरोखाड़ गांव में ग्रामीणों को आजादी के बाद पहली बार चारपहिया वाहन जाने के योग्य कच्चा सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। सड़क निर्माण होने से आदिवासी बहुल इस गांव में हर्ष देखा जा रहा है।

जानकारी के अनुसार चतरा लोकसभा प्रत्याशी व समाजसेवी बबन कुमार, पंचायत समिति सदस्य अयुब खान, मुखिया नरेश भगत के प्रयास से यह संभव हो पाया है। ज्ञात हो कि चारपहिया वाहन चलने के लायक सड़क नहीं रहने से गांव में एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती थी इसके कारण मरीज को खटिया डोली के सहारे लगभग दो किलोमीटर तक ले जाया जाता था।

शादी विवाह में उक्त गांव तक दुल्हन को लाने में काफ़ी परेशानी होती थी। किसी की मौत होने पर उसके शव घर तक लाने में काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। खासकर बारिश के मौसम में रहिवासियों की परेशानी बढ़ जाती थी।

उक्त गांव की इस समस्या की जानकारी पाकर बीते 24 दिसंबर को समाजसेवी व लोकसभा प्रत्याशी बबन कुमार अपने समर्थकों के साथ चिरोखाड़ गांव पहुंचे थे। ग्रामीणों से मिलकर सड़क समेत अन्य समस्याओं की जानकारी ली थी। उन्होंने सड़क की समस्याओं को देखकर काफी अफसोस जाहिर किया था।

साथ ही सड़क को ठीक करने के लिए इक्कीस हजार नगद आर्थिक मदद कामता पंचायत के मुखिया नरेश भगत व पंसस अयुब खान को उपलब्ध कराया था। साथ हीं गांव में कंबल का वितरण किया गया था। इसके बाद पंसस अयुब खान व मुखिया नरेश भगत ने गांव तक चारपहिया वाहन जाने लायक सड़क निर्माण कराया है।

इस संबंध में पंसस अयुब खान ने कहा कि बीमार होने पर गांव के झरी गंझु को करीब चार वर्ष पूर्व खटिया डोली में उसे ईलाज के लिए करीब दो किलोमीटर तक ले जाया गया था। उन्होंने कहा कि उक्त गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई थी। उस समय गांव की सड़क समस्या सुर्खियों में था। इस खबर के बाद चतरा सांसद सुनील सिंह ने गांव को गोद लिया था।

इस दौरान सड़क निर्माण की मांग को लेकर पंसस खान सड़क पर प्रदर्शन कर चुके हैं। जिसमें जिला परिषद अध्यक्ष पूनम देवी व जिला परिषद सदस्य सरोज देवी धरना मे शामिल हुई थीं। लातेहार के तत्कालीन जिला उपायुक्त भोर सिंह यादव ने अधिकारियों का एक टीम भेजा था। उक्त टीम ने सड़क मरम्मत कराने का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया था।

इसके बाद भी गांव की सड़क समेत अन्य समस्याएं यथावत बनी रही। पंसस खान ने कहा कि समाजसेवी बबन कुमार का सड़क निर्माण में अहम रोल रहा है। उनके सहयोग समर्थन के कारण सड़क को ठीक कराया जा सका है। पंसस खान ने बताया कि यहां सड़क निर्माण होने से लगभग 25 घरों में निवास कर रहे आदिवासी समुदायों को काफी राहत मिला है।

ग्रामीण कमल गंझु, बीशुन गंझु, बाबुलाल गंझु, बालगोविंद गंझु, जगमोहन गंझु, ललकु गंझु, टुनटुन गंझु, सनिचर गंझु, द्वारीका गंझु, रामबृछ गंझु, सुरेश भोगता, नरेश भोगता, सिकुड़ गंझु, प्रकाश भोगता, बिकेश भोगता, रुपों देवी, रनवा देवी, शांति देवी, फुलमनी देवी ने सड़क निर्माण में सहयोग करने वाले समाजसेवी, पंचायत समिति सदस्य तथा मुखिया को साधुवाद दिया है।

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