रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा बचत उद्यान बचाओ अभियान के तहत 27 दिसंबर को बोकारो की हृदय स्थली सबसे प्रतिष्ठित व्यवसायिक केंद्र सिटी सेंटर में बचत उद्यान बचाओ अभियान की शुरुआत की गयी।
इस अवसर पर सिटी सेंटर स्थित बचत उद्यान जिसका वर्तमान नाम ओएनजीसी पार्क है की दुर्दशा का निरीक्षण किया गया। यह पार्क बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन और ओएनजीसी की लापरवाही तथा अनदेखी के कारण अपना न सिर्फ अस्तित्व खो रहा है बल्कि नशेड़ियों, असामाजिक तत्वों और खानाबदोशों का अड्डा बन गया है।
बताया जाता है कि पार्क में चारों तरफ झाड़ियां और गंदगी भरी पड़ी है। स्थानीय व्यवसायी तथा राहगीरों ने इस पार्क को मूत्र त्यागने का सबसे सुरक्षित स्थान बना लिया है। पार्क में दिन में हर समय दो चार राहगीर जहां तहां खड़े होकर पेशाब करते नजर आ ही जाते हैं। दुर्गंध इतनी अधिक व्याप्त है कि पांच मिनट भी खड़ा हो पाना कठिन है।
ज्ञात हो कि इस पार्क का सौंदर्रीकरण तथा देखरेख करने के लिए ओएनजीसी ने बोकारो इस्पात संयंत्र से गोद लिया है, मगर इसका जरा सा भी ध्यान इस पार्क पर नहीं है। कई बार स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान के पर्यावरण रक्षकों द्वारा इसकी साफ सफाई भी की गई तथा इसे सुव्यवस्थित करने हेतु इस्पात प्रबंधन और ओएनजीसी से गुहार लगाई गई, मगर दोनों ही कान में तेल डालकर सोए हैं।
बताया जाता है कि ओएनजीसी इस पार्क का नाम बचत उद्यान से बदल कर ओएनजीसी पार्क रखकर अपनी जिम्मेदारी भूल गया है। इस पार्क में बना शौचालय भी बंद ही रहता है।
इस अवसर पर संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ ने सिटी सेंटर के सभी व्यवसायियों एवं यहां निवास करने वालों को आह्वान करते हुए अपील किया है कि इस पार्क को बचाने एवं सुंदर बनाने हेतु आगे आएं और संस्थान की मुहिम से जुड़ें, ताकि सिटी सेंटर के छोटे बड़े व्यवसायियों और यहां आने वाले राहगीरों को एक सुव्यवस्थित पार्क मुहैया हो सके तथा यहां का पर्यावरण भी सुदृढ़ बने।
इस पार्क के निरीक्षण कार्यक्रम में रघुबर प्रसाद, अखिलेश ओझा, शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’, अधिवक्ता रमण ठाकुर, मानवाधिकार मिशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव मिश्र, गौरी शंकर सिंह, मृणाल चौबे, अजीत भगत, वीरेंद्र चौबे, लक्ष्मण शर्मा, बीरेंद्र मिश्र, अभय कुमार गोलू, विजय त्रिपाठी, भगवान पांडेय, ममता गोस्वामी, रोहित सिंह, अनिल उपाध्याय, योगेंद्र सिंह सहित कई पर्यावरण रक्षक उपस्थित थे।
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