सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी स्थित पद्मावती जैन सरस्वती शिशु मंदिर में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य द्वारा माल्यार्पण किया गया। सभी आचार्य दीदी द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। विद्यालय की प्रधानाचार्य गुरु माँ ने भैया बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें सदैव अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए।
उसके लिए चाहे हमें अपने प्राणों का ही बलिदान क्यों ना देना पड़े। यहां गुरु गोविंद सिंह जी का संघर्ष और उनके चारों पुत्रों के बलिदान के बारे में बताया गया। बताया गया कि सिक्खों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह और उनके चारों सुपुत्र अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह द्वारा किया गया धर्म संघर्ष राष्ट्र एकता और उनके द्वारा देश के प्रति दिया गया बलिदान के महत्व से समाज को सीख लेने की जरूरत है।
विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य लियोनार्डो अल्बेस्टर बोदरा द्वारा कहा गया कि उन्हें सिर्फ श्रद्धांजलि न देकर उनके व्यक्तित्व को भी अपनाने की आवश्यकता होती है। बैंजती पान दीदी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
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