अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के साधु गाछी स्थित श्रीगजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम दिव्य देश नौलखा मंदिर में 24 दिसंबर की संध्या बक्सर के जगद्गुरु श्रीगंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी महाराज ने कहा कि गंगा कभी अपवित्र और दूषित नहीं होती, क्योंकि उनका अवतरण ही हुआ है पापियों के उद्धार के लिए।
उन्होंने राजा सगर के 60 हजार पुत्रों का उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी मुक्ति के लिए देव नदी गंगा धरा पर अवतरित हुई थीं। उन्होंने कहा कि गंगा जी में जो भी स्नान करता है उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसी उनकी महिमा है।
उन्होंने कहा कि देव नदी गंगा को त्रिपथगा कहा गया है। वे भगवान वामन के चरण से निकली हैं। उनकी पवित्रता अक्षुण्ण है।
त्रिदंडी स्वामी ने कहा कि गंगा की धारा आज भी बक्सर को स्पर्श कर ही आगे बढ़ती है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पवित्र गंगा में कितने भी लाशें डालो जैसा कि आपने कोरोना काल के दौरान देखा गया कि कुछ लोगों ने हल्ला मचा दिया कि गंगा दूषित हो गई।
जबकि सच्चाई यह है कि गंगा कभी अपवित्र और दूषित नहीं होती। गंगा तो धरती पर राजा सगर के 60 हजार पुत्रों के उद्धार के लिए ही आईं थीं। आज उसमें दो चार या दस हजार लाशें आ भी जाए तो गंगा दूषित होने वाली नहीं। उन्होंने कहा कि हां, यह जरुर है कि जो भी गंगा में स्नान करेगा उसके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे।
इस अवसर पर उनके साथ श्रीगजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम दिव्य देश पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी महाराज भी उपस्थित थे। बक्सर के सदर प्रखंड के कमरपुर पंचायत के कमहरिया गंगा घाट के समीप स्थित गंगा धाम जीयर मठाधीश श्रीगंगापुत्र श्रीलक्ष्मी नारायण त्रिदंडी स्वामी जी महाराज पटना के तरेतपाली में बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के साथ दिखे थे। तब उनकी उनसे नजदीकियों की खूब चर्चा हुई थी।
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