गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। बीते 7 दिसम्बर को वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित ऐतिहासिक गाँधी आश्रम की 103वी स्थापना दिवस के साथ इसी परिसर में स्थित गांधी स्मारक पुस्तकालय का 67वां स्थापना दिवस मनाया गया।
स्थापना दिवस समारोह में समाजवादी नेता रघुपति सिंह, समाजसेवी इंद्रदेव राय, साहित्यकार डॉ महेंद्र प्रियदर्शी, मेदनी मेनन, पूर्व वायु सैनिक सुमन कुमार, राजेश कुमार शर्मा, भूषण सिंह इत्यादि समाज सेवी शामिल हुए।
इस अवसर पर पुस्तकालय परिवार के सदस्य अनिल लोदीपुरी ने परिचर्चा करते हुए बताये कि गणतंत्र की जननी वैशाली जिला के हाजीपुर स्टेशन से चंद कदमो की दूरी पर स्थित गाँधी आश्रम देश के स्वतंत्रता आंदोलन में नरम दल और गरम दोनों दल का केंद्र रहा है। जिसकी स्थापना 1920 के 7 दिसम्बर को महात्मा ग़ांधी के आगमन से हुआ था।
जिसकी स्थापना में बिहार के प्रथम सत्याग्रही जिला हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक पंडित जयनन्दन झा का अहम योगदान रहा था। उन्होंने कहा कि यह गाँधी आश्रम जिले के स्वतंत्रता सेनानी अमऱ शहीद बैकुंठ शुक्ल, बाबु योगेन्द्र शुक्ल, बाबू किशोरी प्रसन्न सिंह, बाबू अच्छयबट राय, बाबु बसावन सिंह, बाबु दीपनारायण सिंह, बाबु सीताराम सिंह का स्वतन्त्रता आंदोलन के दौरान आश्रय स्थल और मन्त्रणा केंद्र रहा था।
बगल के ग्राम दीघी के बाबू ध्रुब नारायण सिंह मोख्तार का भी सम्पर्क जिले के इन स्वतन्त्रता सेनानियों के साथ रहा और ये उन स्वतन्त्रता सेनानियों को क़ानूनी रूप से मदद करते आये।
उन्होंने बताया कि स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद बाबू ध्रुव नारायण सिंह ने ग़ांधी आश्रम परिसर के बगल में 10 कठ्ठा जमीन खरीद कर उसपर ग़ांधी स्मारक पुस्तकालय की स्थापना 7 दिसम्बर 1956 में की, जिसके भवन का शिलान्यास 7 दिसम्बर 1960 को बिहार के राज्यपाल डॉ जाकिर हुसैन ने किया।
पुस्तकालय की स्थापना में बाबू किशोरी प्रसन्न सिंह और बाबू दीपनारायण सिंह ने ध्रुब बाबु को काफी सहयोग दिया और सुलभ इन्टरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने पुस्तकालय के भवन निर्माण में सहयोग दिया। ध्रुब बाबु के निधन के बाद जिले के अधिवक्ता चन्द्र केत शर्मा इस पुस्तकालय के सचिव बने और उनके बाद गत 20 वर्षों से वर्तमान सचिव भोलानाथ ठाकुर इस पुस्तकालय के सचिव है।
उन्होंने बताया कि पुस्तकालय को सरकार की ओर से कोई सहायता नही मिलती है। फिर भी, इस पुस्तकालय में सभी विषयों की हजारो पुस्तके है और इसका नियमित संचालन होता है। लोदीपुरी ने बताया कि उक्त पुस्तकालय में सन 1930 नमक सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेनेवाले जिले और राज्य के सत्याग्रहियों की तस्वीर आज भी सुरक्षित है।
पुस्तकालय का एक दूसरा भवन पूर्व सांसद कमला सिन्हा के राज्यसभा फंड से बसावन सिंह के नाम पर पुस्तकालय के लिये तैयार है। कहा कि वैशाली जिले का ग़ांधी आश्रम देश के क्रान्तिकारियो और स्वतंत्रता सेनानियों का केंद्र रहा, लेकिन यह इस जिले का दुर्भाग्य है कि जिले में इन स्वतन्त्रता सेनानियों का कोई स्मारक स्थल नही है।
जिले के कुछ समाजसेवियो के प्रयास से जिले के स्वतन्त्रता सेनानियों की प्रतिमा तैयार हुई जो 15 वर्ष से बुबनाजी के गोदाम में पड़ी थी। जहाँ से निकाल कर इन्हें गांधी आश्रम परिसर स्थित दीपनारायण संग्रहालय के हाल में गत वर्ष स्थापित कर बंद कर दिया गया।
गांधी आश्रम परिसर में स्वतन्त्रता सेनानियों के आश्रय के लिये एक भवन भी है, जिसमे जिले के अंतिम स्वतन्त्रता सेनानी राज्य सभा संसद बाबू सीताराम सिंह का निवास रहता आया औऱ गत वर्ष उनकी मृत्यु के बाद यह भवन बीरान हो गया।
इसी परिसर में नगरपालीका द्वारा एक पार्क का निर्माण किया गया, जिससे इस स्थान की रौनक बढ़ी है। आज स्थापना दिवस समारोह में बिहार के प्रथम सत्याग्रही पंडित जयनन्दन झा के पौत्र डॉ आनन्द मोहन झा भी उपस्थित रहे और सभी ने जिले के स्वतंत्रता सेनानीयों की अमर गाथा का गुणगान किया।
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