सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में छोटानागरा एवं राजाबेड़ा गांव में स्थित जर्जर आंगनबाड़ी केन्द्र भवन में गरीब व मासूम बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। दोनों जर्जर भवनों का हिस्सा टूटकर गिरने से कभी भी बड़ी घटना घट सकती है।
बताया जाता है कि गांव के कई ग्रामीण आंगनबाड़ी केन्द्र के इन जर्जर भवनों को देख डर से अपने-अपने बच्चों को यहां भेजने से अब मना करने लगे हैं। इस संबंध में छोटानागरा पंचायत की मुखिया मुन्नी देवगम ने कहा कि यह सही है कि दोनों आंगनबाड़ी केन्द्र काफी जर्जर हैं। प्लास्टर व भवन का हिस्सा समय-समय पर टूटकर गिरता रहता है। केन्द्र में दरवाजा व खिड़कियां भी नहीं हैं।
ग्रामीण इसकी शिकायत उनसे अनेकों बार कर चुके हैं। मुखिया के अनुसार शिकायत के बाद उन्होंने भी इन दोनों केन्द्र को जाकर देखा है। कहा कि इस मामले को लेकर कई बार मनोहरपुर के तत्कालीन बीडीओ, विधायक व सांसद से लिखित व मौखिक शिकायत की गई है। लेकिन अब तक इस दिशा में सकारात्मक कार्य नहीं किया गया है।
मुखिया देवगम ने कहा कि पिछले दिनों योजना चयन अभियान के क्रम में भी ग्रामीणों ने ग्रामसभा से इन केंद्रों के निर्माण की स्वीकृति दी है। पहले भी अनेकों बार नया आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण हेतु लिखा गया है। अब देखना है कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है अथवा कोई बड़ी घटना घटने का इंतजार करता है।
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