रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा 27 नवंबर को शुभ कार्तिक पूर्णिमा दिवस पर बोकारो की गंगा जो यहां की जीवन रेखा है गरगा नदी के तट चास मुख्य गरगा पूल स्थित छठ घाट पर हजारों दीप जलाकर गर्ग-गंगा दीपोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बोकारो के कई गणमान्य सहित अनेकों पर्यावरण रक्षक तथा अमन पसंद बोकारो वासी उपस्थित थे। इस अवसर पर सर्वप्रथम गरगा नदी की विधिवत पूजा अर्चना की गई। इसके बाद उपस्थित जनों ने अपने हाथों में दीपक लेकर आरती कर दीप को नदी में प्रवाहित किया। नदी में तैरते सकड़ों दीपकों का यह दृश्य अत्यंत ही मनोरम लग रहा था। इसके बाद नदी तट पर हजारों दीपक जलाकर अलौकिक गर्ग-गंगा दीपोत्सव मनाया गया।
इस अवसर पर संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ ने कहा कि गरगा नदी का पौराणिक नाम गर्ग-गंगा है, क्योंकि ऋषिश्रेष्ठ गर्ग ने द्वापर युग में अपने तपोबल से इस नदी की धारा को भूगर्भ से उत्पन्न किया था। बाद में गर्ग-गंगा का नाम अपभ्रंश होकर गरगा हो गया। उन्होंने बताया कि गरगा नदी का उद्गम बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड के कलौंदी बांध के जल कुंड से हुआ है।
मुकुल ने कहा कि इस नदी में चास नगर निगम और बोकारो इस्पात संयंत्र के आवासीय कॉलोनीयों के गंदे नालों का अनवरत प्रवाह हो रहा है, जिससे यह नदी अत्यंत प्रदूषित हो गया है। कहा कि स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा इस नदी को प्रदूषा मुक्त करने हेतु वर्षों से आंदोलन चलाया जा रहा है। गर्ग-गंगा दीपोत्सव का आयोजन भी इस नदी के प्रति रहिवासियों को आकर्षित करने हेतु ही किया जाता है।
इस अवसर पर उपस्थित जनों को संस्थान के अध्यक्ष सुरेंद्र पांडेय ने इस नदी को बचाने हेतु संघर्ष की शपथ दिलायी। मुख्य अतिथि गणेश मिश्र ने नदी को प्रदूषण मुक्ति हेतु हर संभव सहयोग हेतु संस्थान को आश्वासन दिया।
आयोजित गर्ग-गंगा कार्यक्रम में सुरेंद्र पांडेय, शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’, रघुबर प्रसाद, पं. अखिलेश ओझा, वैद्य गणेश साव, बबलू पांडेय, रमण ठाकुर, बीरेंद्र चौबे, पं. चंदन शास्त्री, अभय कुमार गोलू, अजीत भगत, गौरी शंकर सिंह, लक्षण शर्मा, ललित कुमार, अनिल उपाध्याय, कौशल किशोर, आदि।
नीरज कुमार, वासुदेव शर्मा, अनूप चौबे, लव सिंह, मुन्ना तिवारी, विजय त्रिपाठी, महेश ओझा, कंचन शर्मा, प्रिती गुप्ता, बीणा देवी, अनीता सिंह, कृष्णा प्रसाद, मनिंद्र चतुर्वेदी, सुनील झा सहित संस्थान के सैकड़ों सदस्यगण उपस्थित थे।
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