अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। लोक आस्था का महान पर्व छठ के अवसर पर छठ व्रतियों ने 19 नवंबर की संध्या सूर्य षष्ठी व्रत के तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया। छठ व्रतियों ने इस दौरान अपने परिवार की सुख, समृद्धि, आरोग्यता के साथ समाज और राष्ट्र की तरक्की के लिए भी भगवान सूर्य और छठी माता से प्रार्थना की।
इस अवसर पर सारण जिला के हद में सोनपुर प्रखंड क्षेत्र के नारायणी नदी किनारे सवाइच पुल घाट, नमामि गंगे भारत वंदना घाट, विजय घाट, कष्टहरिया घाट, श्रीगजेंद्र मोक्ष घाट एवं काली घाट के अलावा सबलपुर पूर्वी पंचायत में जगन्नाथ घाट, चहारम में गंगा नदी किनारे बाबा घाट, सबलपुर पछियारी टोला स्थित गंगा नदी किनारे सुखदेव घाट, कुमार घाट और पहलेजा घाट में गंगा नदी किनारे लाखों की संख्या में उपस्थित भक्तों के बीच व्रतियों ने भगवान भास्कर को संध्याकालीन प्रथम अर्घ्य अर्पित किया।
जानकारी के अनुसार सोनपुर स्थित लोक सेवा आश्रम में छठ व्रतियों ने भगवान सूर्य का दर्शन पूजन किया तथा आश्रम के प्रांगण में कोसी की भराई की। इस मौके पर संत बाबा विष्णु दास उदासीन उर्फ मौनी बाबा ने भक्तों के बीच तस्मई का प्रसाद वितरण किया, जिसे व्रतियों के परिजन सहित आरती में शामिल भक्तों ने ग्रहण किया।
बताया जाता है कि ग्रामीण इलाकों में भी छठ पूजा का व्रत पवित्रता के साथ मनाया जा रहा है। सबलपुर हस्ती टोला के जगन्नाथ घाट मंदिर के समीप माता छठी और भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित कर भक्तों द्वारा पूजा की जा रही है। सूर्य षष्ठी व्रत करने वालों में पुरुष भी शामिल हैं। सोनपुर स्थित गज ग्राह चौक से नमामि गंगे पुल घाट, भारत वंदना घाट की ओर जानेवाली सड़कों को भव्य तरीके से सजाया गया। इसी तरह गजेंद्र मोक्ष सड़क को सुसज्जित किया गया।
पूरे नमामि गंगे घाट पर पर्याप्त संख्या में पुलिस की व्यवस्था थी। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी घाटों पर अपनी चौकसी बढ़ा दी थी। कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। नावों से घाटों पर निगरानी रखी जा रही थी। चौथे दिन 20 नवंबर की सुबह उदीयमान भगवान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ लोक आस्था का पर्व छठ का विधिवत समापन हो जायेगा।
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