रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड का सुरजुडीह व कसमार गांव को 17 नवंबर को बाल विवाह मुक्त गांव घोषित कर दिया गया।
स्थानीय मुखिया परिपूषा कुमारी की अध्यक्षता में बैठक कर दोनों गांवों को बाल विवाह मुक्त गांव की घोषणा करते हुए गांव में लगातार अभियान चलाने का निर्णय लेते हुए बाल विवाह मुक्त ग्राम बनाने का संकल्प लिया गया। साथ ही बाल मजदूरी, बाल व्यापार, बाल यौन शौषण जैसी बुराईयों के रोकथाम का भी निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर उक्त गांव का किसी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं रहने के लिए बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराने की बात कही गई। मौके पर मुखिया परिपूषा कुमारी ने कहा कि बाल विवाह करना कानूनी अपराध है। नियमों का उल्लघंन किए जाने पर संबंधित व्यक्ति या परिवार को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने बताया कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन व सहयोगिनी द्वारा बोकारो जिले के 150 गांवो में सामाजिक उत्प्रेरण का कार्य करते हुए इस अभियान को चलाया जा रहा है। जिसमें कसमार प्रखंड के 40 गांवों में बाल विवाह मुक्त गांव को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसमें अभी तक दस गांवों को बाल विवाह मुक्त गांव घोषित कर दिया गया है।
कार्यक्रम के दौरान मुखिया परिपूषा कुमारी, वार्ड सदस्य सेवा देवी, सरिता देवी, पुरणेनदु शेखर मुखर्जी, ज्योति देवी, खिलेश्वरी देवी, बसंती देवी, चिन्ता देवी, नुनीबाला देवी, संध्या देवी सहित दर्जनों रहिवासी मौजूद थे।
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