नमामि गंगे घाट हरिहरक्षेत्र में दिखा अयोध्या जैसा अलौकिक नजारा

जलाये गये 1.51 लाख दीये, एक लाख श्रद्धालुओं ने की दीपोत्सव का दीदार

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में हरिहरक्षेत्र सोनपुर में दीपावली की पूर्व संध्या 11 नवंबर को गंगा और गंडक नदी के संगम क्षेत्र नारायणी नदी नमामि गंगे घाट पर अयोध्या की तरह दीपोत्सव का मनमोहक नजारा देखने को मिला।

यहां के नमामि गंगे घाट पर बने सभी 30 खंडों पर एक लाख इक्यावन हजार दीये एक साथ जलाए गए। दीये के एक साथ जलने से पूरा नारायणी नदी का इलाका रोशनी से जगमग हो उठा। इसका एक लाख से अधिक श्रद्धालु साक्षी बने।

बताया जाता है कि दीपोत्सव के कारण नारायणी नदी की जलधारा रंग बिरंगी रोशनी में सराबोर हो उठी। पिछले दो वर्षों से बिहार के सोनपुर में हरिहरक्षेत्र जन जागरण मंच द्वारा दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

संतों ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया दीपोत्सव का उद्घाटन

सोनपुर के नारायणी नदी के नमामि गंगे भारत वंदना घाट पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम दीपोत्सव का संयुक्त रुप से श्रीगजेन्द्रमोक्ष देव स्थानम दिव्य देश पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामनानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य, बिहार के पूर्व डीजीपी जगदगुरू आचार्य स्वामी गुप्तेश्वर पांडेय, लोकसेवा आश्रम के व्यवस्थापक संत विष्णुदास उदासीन उर्फ मौनी बाबा, आदि।

हरिहरनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री, संत बालक दास, बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सारण के भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी आदि ने शंख ध्वनि एवं मंत्रोच्चारणों के बीच सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर हिंदू जागरण मंच के प्रदेश संयोजक विनोद सिंह यादव, नगर पंचायत के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष विनोद सिंह सम्राट, जनजागरण मंच के संस्थापक अनिल कुमार सिंह, अध्यक्ष सतीश कुमार प्रसाद साह, महासचिव अमरनाथ तिवारी, संयोजक मंडल के विश्वनाथ सिंह (अधिवक्ता एवं पत्रकार) समेत कई गणमान्य शामिल हुए।

ज्ञात हो कि, पिछले वर्ष की तरह इस बार भी घाटों पर कुल 1 लाख 51 हजार दीप जलाए गए। इसके अलावा नदी में भी हजारों दीये जलाए गए। इसे जलाने के लिए खास तौर पर नावों का इंतजाम किया गया था। सोनपुर के नमामि गंगे घाट से इन नावों को गंडक नदी में भेजा गया। दीये को कारसेवकों ने नदी में प्रवाहित किया। एक साथ इतने दीये नदी में प्रवाहित किए जाने से पूरा नदी अलौकिक रोशनी से जगमगा उठा। घाटों पर अलौकिक नजारा देखने को मिला।

नारायणी नदी के नमामि गंगे भारत वंदना घाट, विजय चौपाटी घाट, कष्टहरिया घाट, श्रीगजेंद्र मोक्ष घाट, काली घाट, गोकरण दास काली घाट, मही नदी मुहाना तक घाटों पर दीये सजाये गये। घाटों पर आयोजित इस कार्यक्रम को देखने के लिए आस पास से रहिवासियों की भीड़ उमड़ आयी।

इस अवसर पर यहां भगवान श्रीराम के गुणों और मूल्यों को अपने जीवन में उतारने के लिए भगवान श्रीराम, लक्ष्मण आदि की झांकी भी प्रदर्शित की गई। नमामि गंगे के विभिन्न घाटों पर सवा किलोमीटर के दायरे में विधि व्यवस्था संधारण के लिए नौ मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गई थी। बड़ी संख्या में एसडीआरएफ सहित सशस्त्र पुलिस बल भी तैनात दिखे।

हरिहरक्षेत्र जनजागरण मंच के संस्थापक अनिल कुमार सिंह की सूचना पर सोनपुर अनुमंडल प्रशासन ने सोनपुर के दीपोत्सव समारोह के दौरान विधि व्यवस्था संधारण के लिए संयुक्त आदेश जारी कर दंडाधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की थी। मालूम हो कि, पारंपरिक दीपोत्सव को संचालित करनेवाली संस्था हरिहरक्षेत्र जनजागरण मंच पूरी तरह से एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है।

इस आयोजन में तथा इस पवित्र उत्सव में भारी संख्या में भाग लेने आसपास के क्षेत्र के रहिवासी पहुंचे। शांतिपूर्ण माहौल बनाएं रखने और कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए नमामि गंगे घाट से काली घाट तक उत्सव स्थल पर अग्निशामक स्टाफ की एक इकाई के साथ एसडीआरएफ की एक इकाई की तैनाती भी की गई थी।

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