जीवन में रिटायरमेंट शब्द नहीं होता तब मनुष्य का रोल बदल जाता-प्राचार्या
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में लगातार 25 वर्षों तक सेवारत रहे जीव विज्ञान शिक्षक सत्येन्द्र राय के सेवानिवृत्त होने पर 31 अक्टूबर को विद्यालय प्रबंधन एवं शिक्षकों द्वारा विदाई समारोह का आयोजन किया गया। अध्यक्षता स्कूल के प्राचार्या उषा राय ने की।
आयोजित विदाई कार्यक्रम में प्रशस्ति स्मार पत्र, विद्यालय का स्मृति चिन्ह के साथ-साथ शॉल ओढ़ाकर स्कूल वरीय जीव विज्ञान शिक्षक सत्येन्द्र राय को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग नृत्य – गीत का मंचन किया गया।
मौके पर प्राचार्या उषा राय ने सेवानिवृत्त शिक्षक राय के कार्यकाल की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जीवन में रिटायरमेंट शब्द नहीं होता है। मनुष्य का रोल बदल जाता है। कहा कि सेवानिवृत हो रहे राय वरीय शिक्षक रुप मे एक अच्छे मार्ग दर्शक रहे हैं। उनके शैक्षणिक जीवन अन्य शिक्षकों के लिए अच्छे विचार व् सोंच सराहनीय रहा है।
स्कूल के शिक्षक पी. के. आचार्य, अरविंद कुमार साहू, अंजन सेन एवं आशुतोष शास्त्री ने विद्यालय के विकास में उनके किए गए कार्यों की चर्चा की। सेवा निवृत शिक्षक राय ने अपने विचारों से माहौल को गमगीन एवं यादगार बना दिया।
ज्ञात हो कि, सेवा निवृत शिक्षक पूर्व में एसजे डीएवी चाईबासा में वर्ष 1989 में पदभार ग्रहण किए थे। अपने ज्ञान और कर्तव्यनिष्ठा से साल भर में उन्हे 1990 को पीआरटी जीव विज्ञान के पद पर पदोन्नत किया गया था। वर्ष 1998 को टीजीटी ग्रेड से डीएवी गुआ स्थानांतरण के बाद वर्ष 2018 में उन्हे पीजीटी जीव विज्ञान के पद पर पदोन्नति मिला। वे वर्ष 2021 में डीएवी पब्लिक स्कूल गुआ के प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्यरत रहे।
इस अवसर पर कार्यक्रम के पहले चरण में मंत्र उच्चारण के साथ हवन करते हुए जनकल्याण की कामना की गई। सेवानिवृत हो रहे शिक्षक राय की यजमानी में हवन करते हुए बच्चों ने उन्हें भाव भीनी विदाई दी। जिसमें स्कूल के वरीय शिक्षक अनंत कुमार उपाध्याय, श्रवण कुमार पांडेय, भास्कर चंद्र दास व अन्य ने पुष्प की वर्षा कर उनके लंबे एवं सुखमय जीवन की कामना की।
अन्त में डीएवी गुवा विद्यालय परिवार की ओर से सभी सहकर्मी ने सेवा निवृत शिक्षक राय के भावी जीवन के लिए मंगल कामना की। मंच संचालन वरीय इतिहास शिक्षक पी. के. आचार्या द्वारा की गई।
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