डीएवी ढोरी में तंबाकू मुक्त भविष्य और मानसिक स्वास्थ्य विषय पर परिचर्चा

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में फुसरो-डुमरी मुख्य पथ पर मकोली मोड़ के समीप स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल ढोरी में 17 अक्टूबर को सीबीएसई द्वारा प्रायोजित तंबाकू मुक्त भविष्य और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परिचर्चा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। जिसमें सदर हॉस्पिटल बोकारो के मनः चिकित्सक डॉक्टर प्रशांत कुमार मिश्रा, जिला परामर्शी असलम और छोटेलाल दास के साथ विद्यालय के प्राचार्य सत्येंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किया। प्रचार्य ने पुष्प गुच्छ देकर आगंतुकों का सम्मान किया।

इस अवसर पर जिला परामर्शी असलम ने तंबाकू मुक्त भविष्य के बारे में परिचर्चा की। इसमें कक्षा नवम और दशम के छात्रों ने भाग लिया। परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में नए सिरे से जो तंबाकू के प्रति रोचकता बढ़ रही है, बच्चों को इस बुरी लत से मुक्त करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा मार्ग निर्देश दिया गया है।

इस आदेश के आलोक में यहां प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिला परामर्शी द्वारा कहा गया कि संपूर्ण भारत में आज तंबाकू के विभिन्न प्रारूपण से उत्पन्न होने वाली कैंसर जैसी बीमारियों के प्रति आमजनों में जागरूकता उत्पन्न करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं। अगर आज वर्तमान ही इनका मादक पदार्थ तंबाकू इत्यादि के सेवन में लिप्त रहता है, तो कल उनके बेहतर भविष्य पर सवालिया निशान खड़े होंगे।

असलम ने ग्राफिक्स के जरिए सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के अनुपालन हेतु विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में किस प्रकार की जागरूकता लाई जानी चाहिए जिससे बच्चे सतर्क, सजग और जागरूक बन सके उसपर विशेष रूप से प्रकाश डाला।

कहा कि विद्यालय परिसर में अथवा इसके 100 मीटर के दायरे में इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। समय समय पर बोकारो उपायुक्त के निर्देश के आलोक में तथा जिला शिक्षा अधीक्षक बोकारो के आदेशानुसार परिसर में कई जगह तंबाकू मुक्त बैनर पोस्टर इत्यादि लगाए जाएं।

कार्यशाला में डॉ प्रशांत किशोर मिश्रा ने मानसिक स्वास्थ्य पर परिचर्चा में भाग लेते हुए बच्चों में परीक्षा के समय तनाव मुक्त कैसे रहा जाए इसके लिए योजनाएं बताई। उन्होंने कहा कि अपना काम जो आज का है उसे आज ही निष्पादित करें। जमा करके रखेंगे तो तनाव बढ़ता जाएगा। तनाव युक्त वातावरण में आप कभी भी अपना बेहतर कार्य नहीं कर सकते।

यह न सिर्फ विद्यालय अवधि में अपितु घर, परिवार और समाज में भी गुजर बसर करने के क्रम में बहुत सारे अप्रत्याशित कार्य कैसे आ जाते हैं जो आपको चिंतित कर देते हैं। उन्होंने कहा कि तनाव मुक्त रहने के लिए हर कार्य की एक योजना होनी चाहिए। खान-पान सही होना चाहिए। नियमित खेलकूद, योग, मेडिटेशन इत्यादि कार्यों में रुचि लेनी चाहिए। कहा कि व्यस्त रहें, मस्त रहें।

इस प्रकार उन्होंने बच्चों को तनाव मुक्त रहने का गुर बताया। छोटेलाल दास ने इन दोनों बिंदुओं पर क्विज का आयोजन भी किया। उन्होंने स्लाइडर के माध्यम से जो बच्चों को बताए गए थे। उन्हीं से प्रश्न किए गए। क्विज प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।

इस अवसर पर डीएवी ढोरी के प्राचार्य एस. कुमार ने कहा कि आज की परिचर्चा बच्चों के लिए लाभकारी रही। उन्हें आशा हीं नहीं वरण पूर्ण विश्वास है कि आज दूसरे भगवान कहे जाने वाले इन चिकित्सकों के मार्गदर्शन पर चलने का प्रयास करेंगे तथा उनकी बातों को जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे।

आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक सहगामी क्रियाओं के प्रभारी एस. के. शर्मा, उधोषक अशोक पाल, प्रशांत सहाय, डॉ शिवेंद्र कुमार, सुनील कुमार, आशुतोष मिश्रा, सोनिया, स्पर्श, लक्ष्मी, रोहित सिंह, उमाशंकर सिंह, साधु चरण शुक्ला, अनिल कुमार सिंह, राकेश कुमार तथा अन्य शिक्षक शिक्षिकाओं ने कार्यक्रम को सफल करने में अपनी मह्ती भूमिका निभाई।

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