जागरूकता से हीं सुरक्षा संभव है-डॉ के. पी. सिन्हा
एनडीआरएफ का उद्देश्य विषम परिस्थिति में बिना किसी भेदभाव सुरक्षा देना-राहुल
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में बेरमो प्रखंड के के. बी. कॉलेज में 7 अक्टूबर एनडीआरएफ टीम द्वारा आपदा प्रबंधन को लेकर सेमिनार का आयोजन किया गया। अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ के. पी. सिन्हा ने किया।
केबी कॉलेज वेलफेयर कमिटी एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार का आयोजन जंतुशास्त्र सभागार मे बिहटा पटना से आये एनडीआरएफ नाइन बटालियन के निरीक्षक राहुल कुमार सिंह, कॉलेज के प्राचार्य डॉ केपी सिन्हा, डॉ प्रभाकर कुमार द्वारा विधिवत् उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। जिसके मुख्य अतिथि प्रशिक्षक के रूप मे एनडीआरएफ भारत सरकार की टीम थी।
मौके पर प्राचार्य डॉ सिन्हा ने कहा कि मानव द्वारा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तकनीकी के साथ कौशल प्रशिक्षण की जरुरत है। कहा कि आपदा प्रबंधन विषय पर जागरुकता सुरक्षा हेतु अनिवार्य कदम होंगे। उन्होंने कहा कि जागरूकता से हीं सुरक्षा संभव है।
मुख्य अतिथि व् प्रशिक्षक एनडीआरएफ बिहटा पटना बिहार 9वीं बटालियन के राहुल कुमार
सिंह ने कहा कि एनडीआरएफ का उद्देश्य विषम परिस्थिति में बिना किसी भेदभाव सबको सुरक्षा देना है। उन्होंने कहा कि कॉलेज प्रबंधन, शिक्षको व विधार्थियों को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण से अवगत होने की जरुरत है।
कहा कि एनडीआरएफटीम सभी प्रकार के प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदाओं से निपटने विषय को लेकर विशेषज्ञ के रूप मे भूमिका निभाता है। चक्रवात, भूकंप, तूफान, भू स्खलन से बचाव, प्राकृतिक आपदा, गैस रिसाव, दुर्घटना, भवन ढहना, प्रथम सहायता हेतु चिक्त्सीय उपचार, सर्पदंश, रेल दुर्घटना, नदी मे डूबने पर बचाव के तरीकों, गैस लीक, वज्रपात, सड़क सुरक्षा आदि कठिन से कठिन परिस्थिति मे एनडीआरएफ की टीम जान बचाने हेतु तत्पर रहती है।
साथ हीं समाज में जागरुकता लाकर आमजनों को भी प्रशिक्षित करती है। कहा कि एनडीआरएफ एक पैरामिलिट्री लायंस फोर्स है जो देश की पारा मिलिट्री यथा बीएसएफ, सीएआरपीएफ, सीआईएसएफ तथा आईटीबीपी सुरक्षा बलों से मिलकर बनती है। एनडीआरएफ की टीम जीवन रक्षक की भूमिका हेतु जागरुकता प्रदान करती है।
कहा कि फर्स्ट एड के सभी सुरक्षा मानकों, हृदय गति रुकने पर बचाव के उपाय, हड्डी टूटना, गले मे कुछ फंसना, खून निकलने से राहत, सर्पदंश से बचाव आदि मानव कल्याण मुद्दों पर रोल प्ले के माध्यम से जागरुक करने का काम किया जाता है।
एनडीआरएफ की सद सदस्यीय टीम निरीक्षक राहुल कुमार सिंह के नेतृत्व मे जागरुकता हेतु के बी कॉलेज बेरमो पहुंची थी।
सेमिनार के आयोजनकर्ता सह वेलफेयर कमिटी समन्यवक केबी कॉलेज के मनोविज्ञान विषय के ब्याख्याता डॉ प्रभाकर कुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन की जानकारी किसी भी तरह के आपातकालीन स्थिति मे सुरक्षा का काम करती है।
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ टीम के द्वारा आपदा प्रबंधन मुद्दे पर जागरुकता कॉलेज के छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित होंगें। आईक्यूएसी समन्यवक डॉ अरुण कुमार रॉय महतो ने कहा कि एनडीआरएफ टीम आपदा प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षण देने हेतु पारंगत होते हैं। विधार्थियों व सभी हितधारकों मे आपदा प्रबंधन की जानकारी रहने से हम सुरक्षित परिवेश बना पाएंगे।
इस अवसर पर एनडीआरएफ टीम के कमांडर इंस्पेक्टर राहुल कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर ज्योति कुमार झा, वरीय आरक्षी सुशील कुमार सिंह, पिकेश कुमार चौरसिया, राजन कुमार, अभिषेक कुमार, पंकज कुमार, ब्रजेश कुमार, विकास कुमार पांडेय, राकेश यादव को कॉलेज प्रबंधन द्वारा सम्मानित किया गया।
सेमिनार मे मंच संचालन डॉ नीलिमा पूर्णिमा तिर्की, स्वागत भाषण प्रो. लक्ष्मी नारायण राय ने किया। सेमिनार में सभी विभागों के विधार्थियों से दो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिनमें पोस्टर प्रतियोगिता एवं निबंध प्रतियोगिता शामिल है। पोस्टर प्रतियोगिता के चयनकर्ता मे अध्यक्ष डॉ अलीशा वंदना लकड़ा, डॉ मधुरा केरकेट्टा, डॉ नाज खान रहे।
पोस्टर प्रतियोगिता मे प्रथम तमन्ना प्रवीण, दूसरे स्थान पर दो छात्रा क्रमशः दीपा कुमारी एवं दानिया फिरदौस जबकि तीसरे स्थान पर प्रियंका कुमारी रही। वहीं निबंध प्रतियोगिता मे चयनकर्ता कमिटी के अध्यक्ष डॉ साजन भारती, डॉ वासुदेव प्रजापति एवं कार्यालय अधीक्षक रविंद्र कुमार दास रहे। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम रिया बनर्जी, द्वितीय खुश्बू कुमारी, तृतीय सत्यम कुमार एवम चतुर्थ स्थान पर तमन्ना प्रवीण रही।
दोनो प्रतियोगिता के विजेता विधार्थियों को प्राचार्य डॉ के पी सिन्हा एवं मुख्य अतिथि एनडीआरएफ निरीक्षक के हाथो पुरस्कृत एवं प्रमाण पत्र दिया गया। सेमिनार के सफल आयोजन में उपरोक्त के अलावा डॉ आर पी पी सिंह, प्रो. गोपाल प्रजापति, एनडीआरएफ टीम के दस सदस्य, डॉ अलीशा वंदना लकड़ा, डॉ साजन भारती, प्रो. मनोहर मांझी, डॉ व्यास कुमार, डॉ वासुदेव प्रजापति, प्रो. अमित आदि।
कुमार रवि, प्रो. नितिन चेतन तिग्गा, प्रो. मधुरा केरकेट्टा, प्रो. पी पी कुशवाहा, प्रो. संजय कुमार दास, डॉ नाज खान, डॉ राजेंद्र प्रसाद, रविंद्र कुमार दास, रवि कुमार यादविंदू, सदन राम, नंदलाल राम, दीपक कुमार, हरीश नाग, मो. साजिद, शिव चंद्र झा, राजेश्वर सिंह, जी सी रॉय, संतोष राम, बालेश्वर यादव, भगन घासी, अजय हांसदा, अमर रविदास, सुसारी देवी आदि का सराहनीय योगदान रहा।
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