हिन्दी के महत्व को नही भूलना चाहिए-प्राचार्या
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर सिंहभूम (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवा स्थित डीएवी स्कूल में सेल प्रबंधन द्वारा राजभाषा हिंदी पखवाड़ा के अवसर पर आशु भाषण एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन वरीय कक्षाओं के बच्चों के बीच की गई। कक्षा दसवीं से द्वादश तक के बच्चों ने प्रतियोगिता में उम्दा प्रदर्शन किया।
स्कूल की प्राचार्या उषा राय के नेतृत्व में आयोजित प्रतियोगिता की अगुवाई वरीय शिक्षक राजवीर सिंह, अनंत कुमार उपाध्याय एवं योगेंद्र त्रिपाठी, शिक्षिका रंजना प्रसाद व मोनिका मंहता द्वारा की गई।
इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्या उषा राय ने हिंदी का महत्व पर अपने विचार व्यक्त की।
उन्होंने हिंदी को जनमत की भाषा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हिन्दी के महत्व को हमें नही भूलना चाहिए। कहा कि प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को राजभाषा हिंदी दिवस मनाया जाता है। कहा कि 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया था कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। क्योंकि भारत में अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी।
इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया। इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे देश में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्राचार्या ने कहा कि स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्द दास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर राजेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किए है।
इस अवसर पर प्राचार्या राय हिंदी शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को कई प्रेरणादायक बातों को बताया एवं हिंदी बोलने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों को कहा कि व्याकरण के ज्ञान के आधार पर सदैव शुद्ध हिंदी का प्रयोग करना चाहिए।
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