एस. पी. सक्सेना/मुजफ्फरपुर (बिहार)। मुजफ्फरपुर के सरैयागंज स्थित नवयुवक समिति सभागार में 24 सितंबर को नटवर साहित्य परिषद द्वारा मासिक काव्य गोष्ठी सह मुशायरा का आयोजन किया गया।
मासिक काव्य गोष्ठी सह मुशायरा कार्यक्रम का संचालन डॉ लोकनाथ मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ जगदीश शर्मा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्येन कुमार सत्येन ने किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन सुमन कुमार मिश्र ने किया।
कवि गोष्ठी में उपस्थित कवियों ने अपनी रचना पाठ कर भरपूर तालियाँ बटोरी। इस अवसर पर सुमन कुमार मिश्र ने फुर्सत में मैं कब होता हूं सुनाई और भरपूर तालियां बटोरी। डॉ जगदीश शर्मा ने सती अब नहीं नारी, शक्ति का सामना देश में करना होगा प्रस्तुत की। कवि सत्येंद्र कुमार सत्येन ने एक दिन आईल रहे तोहर सांवर सुनाकर महफ़िल में शमां बांध दिया। लोकनाथ मिश्र ने बिटीया नदी जैसी होती हैं सुनाई।
इस अवसर पर मुजफ्फरपुर की युवा कवियित्री सविता राज की रचना शिव भी शक्ति के बिना शव के समान, पुरुषत्व का दंभ भरने वाले को समझाए कैसे को जमकर सराहना मिली। कवि विजय शंकर प्रसाद ने कल भी तो झूठ का बल, सच दिल से परेशान और कुछ नहीं सुनाई।
अरुण कुमार तुलसी ने नारी तू जीवन का राज है सुना कर वाह वाही बटोरी। रामवृक्ष राम चकपुरी ने प्यार के दो बूंद परिंदे भी आशियाना बसा जमाने से चले गए ने दर्शकों की वाहवाही बटोरी। यहां कवि अंजनी कुमार पाठक ने मेरी मंजिल प्यार की मंजिल सुनाकर वाहवाही बटोरी।
ओपप्रकाश गुप्ता की रचना जब ठान लिया तो है मुमकिन कतरा को समंदर करना सुनाई। यशपाल कुमार ने मजे से जो रहे दूर, मेहनत करता वह जुगार सुनाई। मौके पर उपरोक्त कवियों के अलावा सुरेंद्र कुमार आदि ने भी अपनी कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अंत में दिवंगत कवि श्रीकृष्ण मोहन प्रसाद की याद में एक मिनट का मौन रखा गया।
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