प्रहरी संवाददाता/बोकारो। कोयला खदान शिक्षक मोर्चा सीआईएल जोन संगठन मंत्री आर. पी. सिंह ने 22 सितंबर को जगत प्रहरी से एक भेंट में कहा कि सीसीएल के उच्चाधिकारी सीसीएल द्वारा अनुदानित विद्यालयों को बंद करने की साजिश कर रहे है।
संगठन मंत्री सिंह ने कहा कि विगत दो तीन वर्षों से शिक्षकों को मिलने वाली अनुदानित राशि आबंटन प्रणाली को इतना पेचीदा कर दिया गया है कि अनुदान की राशि समय पर भुगतान हो ही नहीं पा रहा है। उन्होंने कहा कि सीसीएल के निदेशक कार्मिक ने राशि आबंटन प्रणाली को दो विभागों में विभक्त कर दिया है।
अनुदान से संबंधित सारी डॉक्यूमेंट प्रक्रिया की जिम्मेवारी कल्याण विभाग और राशि आबंटन की जिम्मेवारी सीएसआर विभाग को दे रखा है। कहा कि जब से इस प्रणाली के अंतर्गत अनुदान की राशि आवंटित की जा रही है, तब से अनुदान कभी भी विद्यालयों को समय पर नहीं हो पा रहा है।
जब भी विलंब का कारण जानने की कोशिश की जाती है, एक विभाग दूसरे विभाग को दोषी करार देते हुए अपना पल्ला झाड़ लेती है। परिणाम स्वरूप शिक्षक क्षेत्रीय स्तर से लेकर सीसीएल मुख्यालय का चक्कर लगाते रहते है। जिससे एक ओर विद्यालय का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है वही दूसरी ओर शिक्षकों के समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि शिकायत करने पर अधिकारी उल्टे शिक्षकों पर ही बरस पड़ते हैं।
सिंह ने कहा कि समस्या समाधान को लेकर ऑफिस का चक्कर लगाते लगाते डेढ़ ..दो वर्ष गुजर जाते हैं, लेकिन विभागीय टाल मटोल के कारण शिक्षको को अनुदान की राशि नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में बीते 21 सितंबर को सीसीएल मुख्यालय में जब वे कल्याण विभाग के एक उच्चाधिकारी से जानकारी प्राप्त करने गये तो उन्होंने कहा गया कि कल्याण विभाग से सबकुछ लिख पढ़कर सीएसआर विभाग को दे दिया गया है।
राशि का आबंटन उस विभाग को करना है। कल्याण विभाग से क्या पूछते है। यही बात जब सीएसआर विभाग से पूछा गया तो बताया गया कि समय से कागजात नहीं मिलने के कारण विभाग को फंड लेने में परेशानी होती है। हम प्रयास कर रहे है।
संगठन मंत्री ने कहा कि उपरोक्त दोनो विभाग से यही सलाह आया कि यही कार्य किसी एक विभाग को करना होता तो कोई परेशानी नहीं होती। उन्होंने कहा कि सीसीएल मुख्यालय रांची के एक अधिकारी ने नाम न छापने के शर्त पर कहा कि आप सभी का अनुदान बंद करने की साजिश चल रही है।
सीसीएल अधिकारियों की ऐसी मंशा को जानने के बाद संगठन मंत्री ने कहा कि अगर स्कूलों को बंद ही कर देना है तो एक बार घोषणा कर बंद ही कर दिया जाय। उसके बाद शिक्षकों को जो न्यायसंगत बात समझ में आयेगी वे अपना अगला कदम उठाएंगे।संगठन मंत्री सिंह ने सीसीएल के डीपी और सीएमडी से निवेदन किया है कि अनुदानित राशि का भुगतान जितना जल्द हो सके भुगतान करवाने की कृपा करें।
साथ ही आगे से अनुदान भुगतान करने की पूरी प्रक्रिया कोई एक ही विभाग करे। ऐसी व्यवस्था कराई जाय। शिक्षकों के विलंब भुगतान होने के कारण इसका बुरा असर शिक्षकों के पारिवारिक जीवन और बच्चों के पठन पाठन पर पूरी तरह प्रभावी है।
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