फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। बोकारो के बिरसा आश्रम नयामोड़ में 16 सितंबर को आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा सभा का आयोजन किया गया। आयोजित सरना धर्म कोड आंदोलन जनसभा सरना जागरण सभा की अध्यक्षता सेंगेल के झारखंड प्रदेश संयोजक करमचंद हांसदा एवं संचालन झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने किया। सरना धर्म कोड आंदोलन सभा में मुख्य रुप से सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू उपस्थित थे।
इस अवसर पर सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्मू ने कहा कि सोरेन खानदान से शिबू सोरेन तथा हेमंत सोरेन के पांच बार मुख्यमंत्री बनने से भी शहीदों का सपना आबोआग दिशोम आबोआग राज उल्टी दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह सरकार लूट, झूठ, भ्रष्टाचार और विज्ञापन पर सवार है।
कहा कि पहले झारखंड को साढे तीन करोड़ रूपयों में कांग्रेस को बेचा, अब मरांग बुरु को जैनों के हाथों बेचा। खुद सीएनटी/ एसपीटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए नाम बदलकर जमीन हड़पता है। केवल वोट के लिए सरना धर्म कोड की बात करता है। स्थानीयता, आरक्षण और नियोजन के नाम पर सबको ठगने का काम करता है।
उन्होंने कहा कि एकमात्र राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त आदिवासी भाषा संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा नहीं देकर आदिवासियों को अपमानित किया जा रहा है। विस्थापन- पलायन, ह्यूमन ट्रेफिकिंग, बेरोजगारी आदि राज्य में बदस्तूर जारी है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मुर्मू ने कहा कि झारखंड और वृहद झारखंड के आदिवासियों का दुर्भाग्य है कि भाजपा भी आदिवासियों को वनवासी बोलकर तथा जबरन हिंदू बनाने की जिद में आदिवासियों को करीब आने से रोक देता है। बीजेपी जिद छोड़ जल्द सरना धर्म कोड की मान्यता घोषित करें तो दोनों का भला हो सकता है। कहा कि सरना धर्म कोड आंदोलन जारी है।
आगामी 5 नवंबर को रांची में इसकी मान्यता हेतु सेंगेल द्वारा विशाल जनसभा का आयोजन होगा। सरना धर्म कोड आंदोलन की सफलता के लिए सरना जागरण सभाओं का आयोजन 15 सितंबर को जमशेदपुर, 16 सितंबर को बोकारो में किया गया, जबकि 17 सितंबर को सिदो मुर्मू इनडोर स्टेडियम दुमका में आयोजित है। जिसमें सरना समर्थक सभी आदिवासी आमंत्रित हैं।
उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा के लिए एक कारण कुकी आदिवासियों के ऊपर जबरन अधिसंख्यक गैर- आदिवासी मैतेई जाति को एसटी बनाकर असली आदिवासियों का हकमारी है। इसके पीछे राजनीतिक वोट बैंक का लोभ लालच है। झारखंड, बृहद झारखंड में भी कुर्मी/ महतो को एसटी बनाने के पीछे झामुमो, टीएमसी और बीजेडी दोषी हैं।
अतएव वोट बैंक के लोभ लालच की राजनीति पर रोक लगाने के लिए सेंगेल की मांग है कि अगले 30 साल तक कोई भी बड़ी और समृद्ध गैर- आदिवासी जाति को एसटी बनाने पर अविलम्ब रोक लगाने की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की जाए। कुर्मी/ महतो जाति को रेल चक्का जाम की बजाय हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट जाना जनहित व् देशहित में है।
सभा में सेंगेल के केंन्द्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू, हराधन मरांडी, झारखंड प्रदेश संयोजक बिरेन्द्र कुमार बास्के, सेंगेल बोकारो जिलाध्यक्ष सुखदेव मुर्मू, हजारीबाग जिलाध्यक्ष बाहाराम हांसदा, मूलवासी विदेशी महतो, भारत महतो, ललित नारायण आदि ने भी सरना धर्म कोड आंदोलन सभा को संबोधित किया।
सभा में बोकारो जोनल संयोजक जयराम सोरेन, भीम मुर्मू, गोपीनाथ मुर्मू, कालीचरण किस्कू, ललिता सोरेन, रामकुमार मुर्मु, आनंद टुडू, विजय टुडू, चंद्रमोहन मार्डी, सुगदा किस्कू, गुलाबी टुडू, संतोष मुर्मू, धनंजय मुर्मू, सोनाराम मुर्मू, जगदेव हेंब्रम, महेश सोरेन, बुटन बेसरा, मनीलाल हांसदा, ठाकुर महतो आदि महिला पुरुष शामिल थे।
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