एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। कोलियरी क्षेत्र में कार्यरत कोयला श्रमिकों की समस्या समाधान को लेकर इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ का एक प्रतिनिधि मंडल बीते 15 सितंबर को सीसीएल के सीएमडी से भेंट कर आवश्यक वार्ता की। इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व राकोमसं केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे कर रहे थे।
बताया जाता है कि यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर दुबे द्वारा सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक सीएमडी बी वीरा रेड्डी से उनके दरभंगा हाउस रांची स्थित कार्यालय कक्ष में सीसीएल के मजदूरों के ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा की गयी। वार्ता के क्रम में केंद्रीय अध्यक्ष दुबे ने कहा कि क्षेत्र में कार्यरत कोयला मजदूर तमाम समस्याओं से ग्रसित हैं।
खास कर विभिन्न क्षेत्र में डॉक्टर की भारी कमी है, जिससे मजदूरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पूरे सीसीएल में सिविल विभाग में इंजीनियरों की कमी है। एक-एक इंजीनियर तीन तीन, चार-चार प्रोजेक्ट संभाल रहे हैं, जिससे मजदूर आवासों का रख रखाव ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है।
वार्ता के क्रम में राकोमसं केंद्रीय अध्यक्ष दुबे ने सीएमडी को जानकारी दी कि पूरे सीसीएल में मजदूरों का एनसीडब्ल्यूए ग्यारह का एरिया गलत बनाया गया है। इससे मजदूर हतोत्साहित हैं। इसे अभिलंब सुधारा जाए।
इस अवसर पर राकोमसं सीसीएल सचिव वरुण कुमार सिंह ने कहा कि कथारा क्षेत्र में सुरक्षा कर्मियों की भारी कमी है, जिस कारण कोयला चोरी भारी मात्रा में हो रहा है। उन्होंने कहा कि कम सुरक्षा कर्मी रहने के कारण क्षेत्र में कोयला चोरी रुकना संभव नहीं हो पा रहा है, इसलिए क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी दिया जाए। यूनियन सचिव सिंह ने कोल बिडिंग में हो रही उत्पन्न समस्याओं के बारे में सीएमडी को जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पूर्व में कोल बिडिंग कोल जंक्शन तथा एम जंक्शन करता था। अब यह काम सीएमपीडीआई कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक क्षेत्र में एक क्लस्टर हीं कोल बिडिंग हो पा रहा है, जिससे कोयला व्यापारी को कोयला खरीदने में काफी परेशानी हो रही है। इसमें सुधार की आवश्यकता है।
सीएमडी हे वार्ता में यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर दुबे, वरुण कुमार सिंह के अलावा आर पी सिंह, रमेश पांडेय, अशोक कुमार ओझा, रविंद्र कुमार पांडेय व् अन्य शामिल थे।
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