मुंबई। देशभर में मॉनसून खत्म हुए अभी कुछ ही दिन बीते हैं और महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की 180 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया है। मंगलवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सूखे से निपटने के लिए राज्य सरकार 8 योजनाओं को क्रियान्वित करेगी।
फडणवीस ने कहा कि इन योजनाओं को क्रियान्वित करने के बाद राज्य सरकार एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेगी और इसके बाद केंद्र की एक टीम यहां आएगी और राहत राशि का ऐलान करेगी। बता दें कि महाराष्ट्र में बारिश में कमी, गन्ने की खेती और सिंचाई के लिए बड़ी मात्रा में पानी के इस्तेमाल के कारण मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र के 17 जिलों में सूखे की स्थिति बन गई है।
जल संसाधन विभाग की ओर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र के अधिकतर हिस्सों में इस मॉनसून के दौरान औसत बारिश हुई है और क्षेत्र में जल भंडार केवल 28.81 फीसदी है। मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए जीवन रेखा के रूप में प्रसिद्ध जयकवाड़ी बांध में पानी कम हो गया है। जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक कम से कम 17 जिलों में सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है।
वहीं जल संसाधन राज्यमंत्री विजय शिवात्रे ने बताया कि गन्ने की खेती के लिए बड़ी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है। प्रदेश के बीड़ जिले में स्थित महाराजा बांध में पिछले साल पर्याप्त पानी था। लेकिन वर्तमान समय में यह सूख गया है क्योंकि गन्ने की खेती में बड़ी मात्रा में इसके पानी का इस्तेमाल किया गया है। मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित नौ बांध में से दो सूख चुके हैं और दूसरे बांध में औसतन 28.81 प्रतिशत जल का भंडारण है। पश्चिमी विदर्भ के अमरावती संभाग में औसत जल भंडारण 57.37 फीसदी है, जबकि पूर्वी विदर्भ के नागपुर संभाग में यह आंकड़ा 50 फीसदी से अधिक है।
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