अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। भारत के सप्त क्षेत्रों में से एक सारण जिला के हद में हरिहरक्षेत्र सोनपुर के प्रसिद्ध गजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम् दिव्य देश में बीते 27 अगस्त से झूला उत्सव आयोजित किया जा रहा है।
झूला उत्सव के चतुर्थ दिवस 30 अगस्त को दिव्यदेश पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य महाराज ने कहा कि झूला झूलने से तन, स्वस्थ और मन पवित्र होता है। उन्होंने कहा कि सावन माह में झूला झूलने का विशेष महत्व है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी सावन माह में देवी राधा को झूला झुलाया था। तभी से झूला झूलने की प्रथा शुरु हुई है।
स्वामी लक्ष्मणाचार्य ने कहा कि सावन महीने में चहुंओर हरियाली छाई रहती है। आमजनों, खासकर महिलाओं द्वारा झूला झूले जाते हैं और पारंपरिक गीत भी गाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि सावन में सदियों से ही झूला झूलने की परंपरा चलती आ रही है। सावन महीने में झूला झूलना शुभ माना जाता है।
स्वामी लक्ष्मणाचार्य ने कहा कि झूला महोत्सव का समापन 31 अगस्त को श्रावणी पूर्णिमा को आनन्द मनाते हुए किया जायेगा। इस खास अवसर पर हम सभी भगवान श्रीकृष्ण का विराट विश्व रूप का ध्यान करते हुए झूला महोत्सव सम्पन्न करेंगे।
इस अवसर पर रात्रि दस बजे तक भजन कीर्तन से भगवान को झूला झूलाते हुए स्वामी लक्ष्मणाचार्य ने श्रीबालाजी वेङ्कटेश श्रीदेवी, भू-देवी को कुंभ आरती, कहली (द्रविड़ वाद्य) उद्घोष के साथ गोविन्दा गोविन्दा के उद्घोष करते हुए झूला विराम कराया। यहां समस्त श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।
उक्त अवसर पर श्रद्धालु लाल पाठक, ओंकार सिंह द्वारा गाया गया गीत झूला तो झूले रानी राधिका, झूलावे नन्द कुमार महीना आयो सावन का घिर घिर आई घटा पानी रे, आज बरसे रस की धार महीना आयो सावन का से वातावरण को पूर्ण भक्तिमय बना दिया।
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