मुंबई। मी टू आंदोलन के तहत यौन शोषण के मामले में एफआईआर दर्ज करने से पहले उसकी जांच होनी चाहिए। यह मांग मुंबई हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में की गई है। याचिका में कहा गया है कि यौन शोषण के 3 महीने से ज्यादा पुराने मामलों में एफआईआर दर्ज किए जाने से पहले मामले की प्रारंभिक जांच होनी चाहिए। याचिका में बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता द्वारा नाना पाटेकर पर लगाए गए 8 साल से ज्यादा पुराने यौन शोषण के मामले का जिक्र है।
इस जनहित याचिका को एक ट्रस्ट चलाने वाले अधिवक्ता रवि व्यास ने दायर की है। व्यास ने कहा कि अपराध के किसी भी मामले की देर से जानकारी देने पर सबूत के साथ छेड़छाड़ की संभावना काफी बढ़ जाती है। यौन शोषण व रेप के मामलों की देर से जानकारी देने से पुलिस को जांच में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। याचिका में प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया को भी पक्षकार बनाया गया है। यौन शोषण के मामले की रिपोर्टिंग में मीडिया को भी जिम्मेदारी से काम करने की सलाह देने की बात कही गई है।
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