मुश्ताक खान/ मुंबई। भारत रत्न से सम्मानित डॉ. भीमराव अंबेडर के अनुयायियों द्वारा धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस समारोह का भव्य आयोजन चेंबूरनाका स्थित चौराहा पर किया गया। इस समारोह का उदघाटन सिद्धार्थ कॉलोनी के दो मासूम बच्चों द्वारा कराया गया। इनमें काव्या प्रमोद लोंडे ने डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर के पुष्प माला पहनाया और अर्थवा लोंडे ने छत्रपति शिवाजी महाराज को पुष्प माला पहना कर समारोह का आगाज किया।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले पांच वर्षों से सिद्धार्थ कॉलोनी के जागरूक युवाओं द्वारा धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस का आयोजन भव्य रूप से किया जाता है। इसके तहत चेंबूरनाका पर विशाल पंडाल बनाया गया है, जिसमें भगवान गौतम बुद्ध की भव्य प्रतिमा विराजमान है। इसके अलावा करीब 6-7 दशक पहले डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा किये गए ऐतिहासिक क्षणों को भी सजाया गया है। ताकि दर्शनार्थियों को इससे सिखने का अवसर मिले। डॉ. भीमराव आंबेडकर को बाबा साहेब आंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है।
इस समारोह में डॉ. भीमराव आंबेडकर के अनुयायियों द्वारा उनके संदेशों को जन- जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। चेंबूर के सिद्धार्थ कालोनी के जागरूक युवाओं द्वारा आयोजित इस समारोह का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश की जनता के लिए बाबा साहेब ने जो बलिदान दिया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। इस लिहाज से उनके बलिदानों का पालन करना चाहिए, इससे देश आगे बढ़ेगा और हर वर्ग के लोगों को न्याय मिलेगा।
संविधान के रचिता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने अपने कार्यकाल के दौरान दबे कुचले लोगों के हितों में बहुत सारे कार्य किये, जिसका नतीजा अब देखने को मिल रहा है। बताया जाता है कि 6-7 आंबेडकर दशक पूर्व जिन बातों का उल्लेख उन्होंने ने किया था वो अब सामने आ रहा है। देश के दबे कुचले व आम लोगों के मसीहा कहलाने वाले बाबा साहेब ने गरीबी को बहुत करीब से देखा है। उन्होंने महिलाओं के हितों में जो काम किया वह सराहनीय है, उन कार्यों की तुलना इस दौर में नहीं की जा सकती। उन्होंने अपने समाज के लिए भी उल्लेखनीय कार्य किया है।
गौरतलब है कि करीब 6 वर्षों से सिद्धार्थ कालोनी के जागरूक नागरीकों द्वारा इस समारोह को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में मुंबई सहित उपनगर व दूर दराज से डॉ भीमराव आंबेडकर के अनुयायी आते हैं। इस समारोह के पहले वर्ष की तुलना में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में 70 से 75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस चेंबूरनाका के अलावा मुंबई व उपनगरों के विभिन्न स्थानों पर मनाया जाता है।
इसके बावजूद यहां आने वालों की संख्या में हर वर्ष इजाफा होता जा रहा है। यहां के राज्य के सांसद, विधायक, नगरसेवक और आम जनता से पूरा इलाका गुलजार रहता है। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि इस समारोह के लिए सिद्धार्थ कॉलोनी की जनता किसी से आर्थिक सहयोग की अपील नहीं करते, बल्कि आपसी योगदान से इस समारोह को पूरा करते हैं और इसकी स्मारिका भी प्रकाशित कराते हैं।
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