एस. पी. सक्सेना/बोकारो। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तत्वाधान में पुलिस अधीक्षक बोकारो निर्देश में नामित कोटपा नोडल पदाधिकारी थाना स्तर का एक दिवसीय उन्मुखिकरण कार्यक्रम का आयोजन 12 अगस्त को पुलिस अधीक्षक बोकारो के सभाकक्ष में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर सर्वप्रथम जिला परामर्शी एनटीसीपी द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम व कोटपा अधिनियम-2003 की विभिन्न धाराओं के बारे में जानकारी दी गई। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में कोटपा की धारा-4, 5, 6 ए व् बी एवं धारा 7 के बारे में बताया गया। साथ ही तम्बाकू नियंत्रण के लिये चालानिंग रणनीति व विभाग की भूमिका के साथ उत्तरदायित्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी प्रतिभागी को बताया गया कि माह में कम से कम चार बार कोटपा के विभिन्न धाराओं के अनुपालन हेतु छापामारी के लिये जरूर निकले। साथ ही ध्यान दें कि जब भी चालान के लिये निकले तो विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये अपने रसीद पर चालान करना सुनिश्चित करें।
स्कूल के आस पास के दुकानों पर विशेष ध्यान देते हुये चालान करें। यदि कोई विद्यालय प्रबंधक अथवा प्राचार्य स्कूल के मुख्य द्वार पर तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का बोर्ड नहीं लगाये हैं तो कोटपा की धारा 6बी के अन्तर्गत उक्त स्कूल प्रबंधक अथवा प्राचार्य को चालान करना शुरू करें, ताकि बोकारो जिला में कोटपा का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
प्रशिक्षण के दौरान जिला परामर्शी मोहम्मद असलम द्वारा बताया गया कि कोटपा अधिनियम 2003 की धारा-4 के अन्तर्गत सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे में इसका कोई उल्लंघन करता है तो दोषी व्यक्ति को ₹ 200 तक का जुर्माना किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि धारा-5 के अन्तर्गत सिगरेट एवं अन्य तम्बाकु उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध है।
दोषी व्यक्ति को 2 से 5 वर्ष का कारावास अथवा ₹1000 से 5000 तक का जुर्माना अथवा दोनो हो सकता है। धारा-6 के अन्तर्गत सभी शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में नाबालिगों को तथा नाबालिगो द्वारा तम्बाकू के क्रय तथा विक्रय पर प्रतिबंध है। दोषी व्यक्ति को ₹200 तक का जुर्माना हो सकता है। धारा-7 के अन्तर्गत बिना विशिष्ट स्वास्थ्य चेताविनयों के सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है।
दोषी विनिर्माता को 2 से 5 वर्ष का कारावास अथवा ₹ 5000 से 10000 का जुर्माना अथवा दोनो हो सकता है। दोषी विक्रेता को 1 से 2 वर्ष तक का कारावास अथवा ₹ 1000 से 3000 का जुर्माना अथवा दोनो हो सकता है।
साथ ही कोटपा की सभी धाराओं के साथ किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 क की धारा 77 भारतीय दण्ड संहिता की धारा 268, 269, 278 एवं खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून 2006, खाद्य संरक्षण अधिनियम 2011 का 2.34 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, ताकि उल्लंघन कर्ता के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत कार्रवाई की जा सके।
इस अवसर पर प्रशिक्षण के दौरान सभी कोटपा नोडल पदाधिकारी को अर्थदण्ड रसीद की कॉपी उपलब्ध कराया गया। साथ ही सुझाव दिया गया कि प्रत्येक दिन चालान की कॉपी गश्ती वाहन में जरूर रखें और समय समय पर चालान करते रहें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से जिला परामर्शी मो. असलम, छोटेलाल दास व सभी कोटपा नोडल पदाधिकारी उपस्थित थे।
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