दलित आदिवासी के आबरू की रक्षा नहीं कर सके उसे सत्ता में रहने का अधिकार नहीं-नायक

संदर्भ गिरिडीह में दलित महिला को निर्वस्त्र कर पिटाई व् रात भर पेड़ में बांधने की घटना

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। जो सरकार दलित, आदिवासी, मूलवासी के जानमाल, उसकी इज्जत, आबरू, सम्मान की रक्षा नहीं कर सके उसे सत्ता में बैठे रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। बिना समय गवाएं हेमन्त सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें।

उपरोक्त बातें 28 जुलाई को झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक सह आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने गिरिडीह जिले के सरिया थाना अंतर्गत नवाडीह इलाके में एक दलित महिला को घर से अगवा कर निर्वस्त्र कर जमकर पीटाई के बाद घायल दलित महिला को जंगल में रात भर पेड़ में निर्वस्त्र बांधे जाने की घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में कही।

नायक ने कहा कि दलित समाज के महिला को नंगा करना अक्षम्य अपराध है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस घटना ने मणिपुर की घटना की याद ताजा कराने का काम किया है। जो एक सभ्य समाज के लिए कदापि बर्दाश्त के काबिल नही है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है।

नायक ने कहा कि गिरफ्तार किये गये दोषीयों पर अविलंब अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत उन सबो पर प्राथमिकी दर्ज किया जाना अनिवार्य किया जाए। साथ ही साथ उन अपराधियों पर जान से मारने की नियत से भादवि की धारा 307 एवं अपहरण करने की धारा 360 के तहत फास्ट ट्रैक अदालत में कार्रवाई की जानी चाहिए। नही तो आन्दोलन किया जायेगा।

नायक ने कहा कि जब से झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार सत्ता में आई है तब से ही दलित, आदिवासी, मूल निवासी समाज पर हमले बढ़े हैं। राज्य में कानून का राज समाप्त हो गया है। विधि व्यवस्था फेल हो गई है। कानून का भय समाप्त हो गया है। ऐसे में मुख्यमंत्री को विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

दलित, आदिवासी, मूलवासी, कमजोर वर्गों की रक्षा करने के लिए उन्हें और उनकी सरकार को संकल्प कर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करने की जरूरत है। नायक ने कहा कि आज झारखंड में दलित, आदिवासी और मूलवासी समाज के कमजोर वर्ग के रहिवासियों में भय समाया हुआ है।

उन्हें ऐसा लग रहा है कि सरकार इन अपराधियों के आगे घुटने टेक दी है। ऐसे में अगर अपनी जान माल एवं अपने इज्जत और सम्मान की रक्षा के लिए दलित, आदिवासी, मूलवासी समाज हथियार उठाने का काम करेंगे तो सरकार को दोषी माना जाएगा ना कि दलित आदिवासी मूलवासी समाज को।

नायक ने झामुमो के गिरीडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू के द्वारा इस घटना पर अपने प्रतिक्रिया नहीं देने की निंदा करते हुए उसे दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी चुप्पी साधे है, जो समझ से परे है। उन्होंने विधायक को चुल्लू भर पानी में डूब मरने के लिए कहा। साथ हीं आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक दलित विरोधी है। आने वाले चुनाव में इस विधायक की ज़मानत जब्त कराया जाएगा।

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