फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। बिहार की प्रसिद्ध इनफर्टिलीटी स्पेशलिस्ट (निःसंतानता विशेषज्ञ), गायनी अंकोलोजिस्ट डॉ सिमी कुमारी को डॉ अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया।
डॉ सिमी को यह सम्मान बीते 16 जुलाई को बिहार विधान परिषद के उपसभागार परिषद में जन कल्याण स्वास्थ्य समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने क्षेत्र में विशेष योगदान और समाज सेवा के लिए दिया गया गया। सम्मान समारोह में डॉ सिमी के साथ देश भर के कई और डाक्टरों और समाज सेवियों को भी सम्मानित किया गया।
ज्ञात हो कि, डॉ सिमी ने एमबीबीेस की पढ़ाई वर्ष 2005 में पूरा करने के बाद वहीं से इंटर्नशीप का कोर्स पूरा किया। इसके बाद सफदरजंग अस्पताल नई दिल्ली में वर्ष 2008 से 2012 तक इन्होंने चिकित्सीय सेवा दी। इसके बाद आईजीआईएमएस पटना, रेलवे अस्पताल दानापुर और फिर नोवा आईवीएफ पटना में भी ये मरीजों का मर्ज लगातार दूर करती रही हैं। वर्तमान में वे पटना के गोला रोड में अपना निजी क्लिनिक चला रही हैं।
बताया जाता है कि आईयूआई में इनका सक्सेस रेट 40 प्रतिशत और आईवीएफ में 72 प्रतिशत है जो एक रिकार्ड है। इन्होंने अब तक संतान को लेकर निराश हो चुके सौ से अधिक दंपतियों को संतान सुख देने में चिकित्सकीय सहायता की है। सर्वाइकल कैंसर और महिलाओं के कैंसंर में विशेषज्ञता के कारण ये इसके प्रति जागरूकता को लेकर भी लगातार सक्रिय रही हैं। बच्चियों और महिलाओं के बीच लगतार इस बीमारी को लेकर निजी तौर पर मुफ्त विमर्श और मेडिकल सलाह देती रही हैं।
एक गैर सरकारी संस्था सहयोग समृद्धि फाउंडेशन से जुड़ कर डॉ सिमी ने कोरोना काल में अनाथालय की किशोर बच्चियों के लिए मुफ्त मेडिकल सलाह भी दिया। वैसे जरूरतमंद मरीजों से वो अपना फी भी नहीं लेती हैं। प्रजापिता ब्रह्म कुमारी समाज से डॉ सिमी जुड़ी है। इसके तहत मोटीवेशनल और स्पिरिच्यूल सेशन के जरिये आमजनों को भी बीमारी के प्रति जागरूक करती रही हैं।
स्कूल गोइंग बच्चियों में हो रहे शारीरिक बदलाव और शादीशुदा महिलाओं में प्रिगनेंसी केयर को लेकर झुग्गियों में भी ये जागरूकता फैलाने का काम करती रही हैं। इस तरह की समाजसेवा कर डॉ सिमी सकून महसूस करती हैं।
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