पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को मिला मौका, बने जिला अध्यक्ष
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने पिछले दिनों राज्य के सभी जिला अध्यक्षों को बदलकर नये चेहरों को मौका देते हुए संदेश देने कि कोशिश की है। ताकि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में नई रणनीति के तहत अपने मिशन को आगे बढ़ाया जा सके। इसके तहत पार्टी ने पुराने और वफादार एवं हासिए पर रहे कार्यकर्ताओं को जिला अध्यक्ष जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी है, इसके साथ ही पार्टी के प्रमुख और स्थापित नेताओं के बीच भी एक सामंजस्य साधने का प्रयास किया गया है।
गौरतलब है कि मीरा भायंदर की बात करें तो यहां पार्टी ने तीस वर्षों से सक्रिय और आरएसएस से जुड़े किशोर शर्मा को नया जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। बताया जाता है कि मीरा भायंदर शहर में भाजपा के दो प्रमुख गुट माने जाते हैं। इनमें पूर्व जिला अध्यक्ष एडवोकेट रवि व्यास और पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता के अलावा वर्तमान विधायक गीता जैन भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि तकरीबन दो साल पहले जब पार्टी ने युवा नेता रवि व्यास को जिला अध्यक्ष की कमान सौंपी थी तो नरेंद्र मेहता ने बगावती तेवर अपनाते हुए प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ जाकर अपनी एक समानांतर भाजपा पार्टी चलाने का असफल प्रयास किया था। वहीं रवि व्यास इस खुले विरोध के बावजूद पार्टी के लिए समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जोड़ते हुए संगठन को मजबूत करते रहे हैं।
उन्होंने नरेंद्र मेहता को निर्दलीय के रूप में मात देने वाली विधायक गीता जैन को अपने खेमे में जोड़े रखा, नतीजा ये हुआ की रवि व्यास को पार्टी ने जिला अध्यक्ष रहते ही मीरा भायंदर (145) विधानसभा चुनाव प्रमुख की भी अहम जिम्मेदारी दे दी। इससे साफ था की भाजपा एक व्यक्ति एक पद की परंपरा पर काम कर रही है, तो उन्हें एक पद छोड़ना होगा।
पार्टी के चुनाव प्रमुख ही होंगे संभावित उम्मीदवार
ऐसा ही हुआ, प्रदेश नेतृत्व ने किशोर शर्मा को जिला अध्यक्ष बनाकर रवि व्यास को विधानसभा की जिम्मेदारी सौंप दी। ऐसा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यूंकि प्रदेश अध्यक्ष ने पुणे मे आयोजित टिफ़िन संवाद कार्यक्रम में साफ कर दिया है कि पार्टी के चुनाव प्रमुख ही उनके संभावित उम्मीदवार होंगे। राज्य के सभी विधानसभा में हुई चुनाव प्रमुख की नियुक्ति भी इसका संकेत है।
इस बार पार्टी के कद्दावर नेताओं को और चुनाव जितने की क्षमता रखने वालों को ही ये जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में मीरा भायंदर का राजनैतिक गणित काफी दिलचस्प हो गया है। हालांकि नवनियुक्त जिला अध्यक्ष किशोर शर्मा को पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता का करीबी मन जाता है , लेकिन अपनी नियुक्ति के दूसरे दिन ही जिस तरह वो रवि व्यास के कार्यालय पहुंचकर सबको साथ लेकर चलने की बात करते नज़र आये वो एक राजनैतिक समीकरण की ओर इशारा कर रहा था।
नरेंद्र मेहता अपने गुट से पूर्व उप महापौर हसमुख गहलोत, पूर्व नगरसेवक ध्रुवकिशोर पाटील, पूर्व नगरसेवक मदन सिंह के लिए लॉबिंग कर रहे थे। वहीं विधायक गीता जैन अपने किसी करीबी को इस पद पर बिठाना चाहती थीं। जिसमें पार्टी के कोषाध्यक्ष सुरेश खंडेलवाल का नाम प्रमुख था। लेकिन रवि व्यास को चुनाव प्रमुख का पद मिलने के बाद तटस्थ भूमिका मे नज़र आ रहे थे।
ऐसे में अब मीरा भायंदर की राजनीती में क्या अब गुटबाजी समाप्त हो जायेगी? ये बड़ा सवाल है। हालांकि रवि व्यास गुट और मेहता गुट दोनों इस तरफ इशारा कर रहे हैं। कयास लगाया जा रहा है कि अब नये अध्यक्ष किशोर शर्मा की भूमिका अहम होंगी, वो किस तरह दोनों नेताओं और उनके समर्थकों को एक झंडे के अलावा एक छत के नीचे बनाये रखने में सफल हो पाएंगे। यही तय करेगा की मीरा भयंदर भाजपा की राजनीती किस करवट बैठेगी।
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