ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। झालसा रांची के निर्देशानुसार व् प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो रंजना अस्थाना के मार्गदर्शन में 16 जुलाई को तेनुघाट उपकारा में बंदियों के बीच जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जानकारी के अनुसार आयोजित जेल अदालत सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी साक्षी श्रीवास्तव, अधिवक्ता पुनीत लाल प्रजापति, जेलर नीरज कुमार उपस्थित थे।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्रीवास्तव के द्वारा बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बताते हुए कहा गया कि नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची के द्वारा बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं।
जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि बोकारो जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से कारा में संसीमित बंदियों को निरंतर विधिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बंदियों के बीच से ही पारा लीगल वॉलिंटियर्स की नियुक्ति की गई है, जो निरंतर बंदियों के संपर्क में रहकर उनकी समस्याओं को कारा प्रशासन के माध्यम से विधिक सेवा प्राधिकार तक पहुंचाते हैं।
जहां अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कार्य किया जाता है। कहा गया कि वैसे बंदीगण जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो उन बंदियों के मामले में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं। बंदियों के मामलों की निरंतर मॉनिटरिंग भी विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से की जाती है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पैनल अधिवक्ता पुनीत लाल प्रजापति, जेलर नीरज कुमार, विजय कुमार एवं जेल कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही। उक्त जानकारी अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह एसडीजेएम दीपक कुमार साहु ने दी।
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