वेदों और यज्ञ से जीवन को सरल और सुगम बना सकते हैं-प्राचार्य
प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। बच्चे बचपन से ही गलतियां करना शुरू कर देते हैं। माता – पिता के बाद शिक्षकों का ही दायित्व होता है बच्चों की गलतियों को सुधार करें। शिक्षकों के प्रति अभिभावकों में सदैव सम्मान का भावना होनी चाहिए। शिक्षक समाज के निर्माता हैं।
उक्त बातें पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने शिक्षकों एवं बच्चों के साथ जन -कल्याण के लिए वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन करते हुए कहीं। प्राचार्य ने कहा कि समाज के लिए एक ऐसी सेना बच्चों की तैयार होनी चाहिए, जो बौद्धिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ हो। उन्होंने बच्चों को हवन-यज्ञ को जीवन का अभिन्न अंग बताया।
उन्होंने कहा कि वेदों में यज्ञ के महत्व का बखान किया गया है। वेदों और यज्ञ को अपनाकर हम अपने जीवन को सरल और सुगम बना सकते हैं। वेदों के दिखाए रास्ते पर चलकर ही हम अपने कष्टों से और दुखों से मुक्ति पा सकते हैं।
इस अवसर पर हवन करा रहे धर्म शिक्षक राजवीर सिंह एवं आशुतोष शास्त्री ने कहा कि हवन इत्यादि में प्रज्ज्वलित की जाने वाली अग्नि मनुष्य के जीवन में विशेष महत्त्व रखता है। इसलिए इन्हें देवता के रूप में भी पूजा जाता है। धर्म शिक्षक ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हवन या यज्ञ के आयोजन से देवताओं को आहुति प्रदान की जाती है। जिससे वह प्रसन्न होकर साधकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
आयोजित हवन कार्यक्रम में कक्षा अष्टम के बच्चों के साथ साथ शिक्षकों में श्रवण कुमार पांडेय, भास्कर चंद्र दास व अन्य कई शामिल थे। इस मौक पर स्कूल के प्राचार्य ने बच्चों का मानसिक जागरूकता उत्पन्न करते हुए प्रेरित किया कि प्रत्येक मनुष्य का जीवन में उसके जन्मदिन का महत्व होता है। अतः जन्मदिन सदैव पूरे उत्साह एवं हर्ष के साथ मनाना चाहिए।
179 total views, 2 views today