आशा कार्यकर्ताओं की बैठक में हड़ताल को सफल बनाने का निर्णय

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। आशा कार्यकर्ताओं एवं फैसिलिटेटर का मानदेय प्रतिमाह 10 हजार रूपये करने, राज्य कर्मी का दर्जा देने, बकाया राशि का भुगतान करने, नियमित पारिश्रमिक देने समेत अन्य मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ता एवं फैसिलिटेटर आगामी 12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगी, जो मांग पूरा होने तक अनवरत जारी रहेगी। उक्त जानकारी 28 जून को भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि 28 जून को समस्तीपुर महासंघ कार्यालय में बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट- ऐक्टू) से जुड़े आशा कार्यकर्ताओं एवं फैसिलिटेटरों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए संघ के राज्य अध्यक्ष शशि यादव ने कहा कि राज्य के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की बुनियाद के रुप में आशा कार्यकर्ता एवं फैसिलिटेटर के सेवा के बदौलत सरकारी संस्थागत प्रसव एवं जन्म- मृत्यु दर में उल्लेखनीय स्तर पर उपलब्धि हासिल हुई है।

मातृ- शिशु मृत्यु दर में भी राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि हासिल हुई है। टीकाकरण कार्य से लेकर समय- समय पर सरकार द्वारा सौपें गये अन्य कार्यों को आशा कार्यकर्ता सफलतापूर्वक अंजाम देती रही हैं। यहाँ तक कि कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर महामारी संबंधी विभिन्न निरोधात्मक कार्यक्रम को भी मुस्तैदी व लगन के साथ पूरा किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर पटना उच्च न्यायालय तक ने भी उनके कार्यों की प्रशंसा की है।

लेकिन सरकार उन्हें दोयम दर्जे का कर्मी का दर्जा दे रखा है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं से सरकार को कोई लेना- देना नहीं है। संघ द्वारा डेलीगेट, स्मार- पत्र, धरना-प्रदर्शन जैसे सांकेतिक आंदोलनों के माध्यम से सरकार का ध्यानाकृष्ट कराने की कोशिश की गई, लेकिन दु:ख की बात है कि अभी तक सरकार एवं राज्य स्वास्थ्य समिति मांगों की पूर्ति एवं समस्याओं के समाधान का कोई निर्णय नहीं ली। अंततः बाध्य होकर आशा सयुक्त संघर्ष मंच के अह्वान पर आगामी 12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू किया जाएगा। जिसकी सारी जबाबदेही सरकार पर होगी।

सिंह ने बताया कि उक्त बैठक की अध्यक्षता कल्पना कुमारी ने की, जबकि बैठक में संगम कुमारी, पुष्पा कुमारी, विभा कुमारी, सुनीता कुमारी, संगीता कुमारी, प्रिति कुमारी, सीता देवी, मंजू देवी, निभा देवी, ममता कुमारी, ऐपवा जिला अध्यक्ष बंदना सिंह ने भी विचार व्यक्त किया।

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