सोनपुर की धरती पर है भगवान सूर्य का अद्वितीय मंदिर

पूजा-अर्चना करनेवालों को सभी बाधाओं से मिलती है मुक्ति

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में हरिहर क्षेत्र सोनपुर की पावन भूमि पर भगवान् सूर्य का यह पहला मंदिर है जिसने लोकख्याति के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

देव माता अदिति और ब्रह्मर्षि कश्यप के पुत्र भगवान सूर्य से ही आलोकित है सारा ब्रह्मांड और संसार। भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। इसलिए भक्तों की भीड़ मंदिर परिसर में देखते ही बनती है। पूजा-आराधना का क्रम यहां अनवरत जारी है। कोई व्यवधान नहीं। तन-मन समर्पित कर भक्ति भाव से यहां पूजा करने का विधान है। सूर्यदेव ऐसे सभी भक्तों के जीवन से विघ्न-बाधा रुपी कालिमा का हरण कर जीवन को उजाले से भर देते हैं।

अग्नि गर्भा नदियों में पूजी जानेवाली मही नदी के किनारे काली घाट-पहलेजा घाट मुख्य सड़क के उत्तरी किनारे बाबा हरिहरनाथ के निकट सटे यह सुप्रसिद्ध सूर्य मंदिर स्थित है। इस सूर्य मंदिर की कलात्मकता निराली है। मंदिर के गर्भगृह से निकलनेवाली दैवीय आभा भक्तों का हर कष्ट, दुःख-दर्द सहज ही हरण कर लेती है। निश्चित रूप से इस मंदिर का दीदार करनेवाले एक नजर में ही कह उठते है यह अलौकिक और अकल्पनीय है। ऐसा निर्माण और नक्काशी बिहार-झारखंड में और कहीं देखने को नहीं मिलता।

बिहार- झारखंड की बात करें तो कलात्मकता की दृष्टि से ऐसा आकर्षक मंदिर और नही है। यह मंदिर आज हरिहरक्षेत्र सोनपुर के गौरव के रुप में स्थापित हो चुका है।

अब आइए जहां यह मंदिर अवस्थित है उसके बारे में जानें।अन्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों की जहां प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को महासंगम होता है। उस लोक सेवा आश्रम के प्रांगण में मुख्य प्रवेश द्वार के समीप बाएं पूर्वाभिमुख भगवान सूर्य का मंदिर है।

आश्रम के महंत संत विष्णुदास उदासीन (मौनी बाबा) तथा सबलपुर बभन टोली निवासी अनिल सिंह गौतम जिनका कर्मक्षेत्र राँची है, के अलावे अन्य दाता के सहयोग से बने इस भव्य मंदिर में भगवान् सूर्यदेव की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 8 मई 2022 को हुई थी।मंदिर के महंत और लोकसेवा आश्रम के व्यवस्थापक संत बाबा विष्णुदास उदासीन का कहना है कि भगवान सूर्य सभी ग्रहों के राजा हैं। वे सभी कष्टों का निवारण करते हैं। ये प्रत्यक्ष देवता हैं।

मंदिर के संस्थापकों में से एक रांची निवासी अनिल सिंह गौतम का कहना है कि भगवान् सूर्य संपूर्ण ग्रहों के राजा हैं। सूर्य की हजारों रश्मियों में से तीन सौ रश्मियां पृथ्वी पर, चार सौ पितृलोक पर तथा तीन सौ देव लोक पर प्रकाश फैलाती हैं। दिन-रात, सर्दी-गर्मी अर्थात् कालचक्र तथा ऋतु-चक्र दोनों सूर्य पर निर्भर है।

ब्रह्मा, विष्णु, महेश, दुर्गा तथा गणेश आदि देवगणों की बिना साधना एवं भगवत कृपा के प्रत्यक्ष दर्शन होना संभव नहीं। परन्तु भगवान् भास्कर सूर्य तो सबको विराट दर्शन देते हैं। सूर्य की माता का नाम अदिति है। सूर्य के पिता घौ हैं। (ऋगवेद 10.37.1) 1
सूर्य के सौंदर्य ने वैदिक ऋषि को आकर्षित किया है। प्रातः पूर्व में उदित होकर सायं पश्चिम में अस्त होने वाले सूर्य को वैदिक कवि आकाश में उड़ने वाले पक्षी के रूप में कल्पित करते हैं। अतः वे अरूण सूपर्ण (ऋगवेद 5.47.3) कहे गए हैं।

सभी प्राणी सूर्य पर अवलंबित है। इनका पुराणों में भी वही स्थान है,जो वेदों में है। सूर्य का सात घोड़ों से जुटे रथ पर सवार होकर आनापरवर्ती मूर्ति-विज्ञान का आधार बना है। ब्रह्म पुराण में कहा गया है। आरूणा सूपर्ण (ऋगवेद 5.47.3) कि सभी प्राणी सूर्य पर अवलंबित है। इनका पुराणों में भी वही स्थान है, जो वेदों में है।

सूर्य का रथ पर सवार होकर मूर्ति-विज्ञान का आधार बनाया गया है। ब्रह्मपुराण में कहा गया है कि मानसं वाचिकं वापि कायजंयच्च दुष्कृतम्। सर्व सूर्य प्रसादेन तदशेषं व्यपहोति। सूर्योपासना का प्रसिद्ध मंत्र गायत्री मंत्र है। पौराणिक-ग्रंथों में मंत्रमहोदधि श्रीविधार्णवादि ग्रंथों में सूर्य के लिए जपनीय मंत्र है-ॐ घृणि सूर्य आदित्य ॐ।

चैत और कार्तिक में लगता है छठ व्रतियों का मेला

इस सूर्य मंदिर की बड़ी विशेषता यह है कि चैत और कार्तिक माह के छठ व्रत के समय बिहार के वैशाली, मुजफ्फरपुर, पटना एवं झारखंड के छठ व्रतियों का यहां मेला लग जाता है। मंदिर और आश्रम का हर कमरा भर जाता है। लोकसेवा आश्रम के संत विष्णुदास उदासीन द्वारा
चैती छठ व्रतियों के बीच छठ व्रत सामग्री का निःशुल्क वितरण किया जाता है।

भगवान सूर्यदेव की आरती मे छठ व्रतियों के सभी परिजन शामिल होते हैं। समस्त देशवासियों को भव बाधाओं से मुक्त रखने एवं कल्याण के लिए भगवान भास्कर से प्रार्थना की जाती है। इस दौरान “ॐ जय कश्यप नंदन, ॐ जय अदिति नंदन ” आरती से संपूर्ण वातावरण गूंज उठता है। व्रतियों के बीच गाय का शुद्ध दूध, गुड़, नारियल, सूप सहित अन्य पूजा सामग्री का वितरण भी किया जाता है, जिसमें अजय कुमार, नित्यानंद सिंह एवं अनिल सिंह गौतम की विशेष भागीदारी होती है।

 256 total views,  7 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *