थैलीसीमिया से ग्रषित एक वर्ष की बच्ची का जीवन के लिये संघर्ष

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर शहर स्थित सागर गारमेंट्स में कार्यरत राजू कुमार की 1 वर्षीय बच्ची किट्टू रानी जन्म से ही थैलेसीमिया रोग से ग्रसित है। उक्त बच्ची के जन्म के तीन माह के बाद उसके थैलेसीमिया रोग से ग्रसित होने का पता चला।

जानकारी के अनुसार इस रोग से ग्रषित मरीज को 20 दिन के अंतराल पर नया खून चढ़ाने की जरूरत होती है। बताया जाता है कि इस बच्ची का शुरू में इलाज पटना के अस्पताल में किया गया। अस्पताल द्वारा इस बच्ची का थैलीसीमिया कार्ड बना कर उसे 20 दिन के अंतराल पर नया खून चढ़ाने का उसके माता पिता को घर भेज दिया गया।

ज्ञात हो कि, थैलीसीमिया रोग ग्रस्त उक्त बच्ची के पिता एक सामान्य प्राइवेट दुकान में कार्य करने वाले मजदूर है। उसके वश में अपनी बच्ची के इलाज का खर्च उठाना सम्भव नही है। फिर भी रहिवासियों के सहयोग से अपनी छोटी बच्ची की जान बचाने के लिये राजू उसके लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उसने अपनी बच्ची को बचाने के लिए समाज के प्रबुद्ध जनों से सहयोग की मांग की है।

उक्त बच्ची के पिता के अनुसार उसका ब्लड ग्रुप ‘ए’ पॉजिटिव है।पिछले कुछ दिनों से समय से उक्त बच्ची को नया खून नही मिलने से उसकी स्थिति खराव हो रही थी। जिसकी सूचना हाजीपुर के रक्तवीर परिवार के प्रवीण कुमार को मिली।

रक्तवीर परिवार के हॉस्पिटल रोड निवासी रक्तवीर अन्नू आर्या ने अपना कीमती A+ पॉजिटिव ब्लड उक्त बच्ची की जीवन रक्षा के लिये डोनेट किया और रक्तवीर परिवार की ओर से उक्त बच्ची की जीवन रक्षा के लिये भविष्य में भी रक्तदान किये जाने का आश्वासन दिया।

स्माइल इंडिया फाउंडेसन के अध्यक्ष रक्तवीर प्रवीण कुमार ने थैलेसीमिया बीमारी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि थैलीसीमिया खून का एक विकार है, जिसमें ऑक्सीजन वाहक प्रोटीन सामान्‍य से कम मात्रा में बनता है।

थैलेसीमिया एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने वाले खून संबंधी बीमारी है, जो शरीर में सामान्य के मुकाबले कम ऑक्सीजन ले जाने वाले प्रोटीन (हीमोग्लोबिन) और कम संख्या में लाल रक्त कोशिकाओं से पहचानी जाती है।

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