प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। झारखंड के प्रवासी मजदूरों के मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इसी कड़ी में एकबार फिर गिरिडीह जिला के हद में डुमरी थाना क्षेत्र के परसाबेडा के युवा मजदूर की महाराष्ट्र के कसारा में 3 जून की सुबह सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी।
मिली जानकारी के अनुसार डुमरी थाना क्षेत्र के हद में परसाबेडा निवासी अब्दुल मोबीन उर्फ ढेलका का 23 वर्षीय पुत्र निशाद अंसारी की महाराष्ट्र के कसारा में सड़क हादसे में मौत हो गयी। मौत की सूचना मिलते ही परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के बाद युवक के गांव में शोक का माहौल हैं।
बताया जाता है कि मृतक निशाद अंसारी महाराष्ट्र में हाइवा ड्राइवर के रूप में कार्यरत था। वह घर का एकलौता कमाऊ था। मृतक अपने पीछे पत्नी निखत परवीन, एक माह का दो जुडवा पुत्र को छोड़ गया है।
इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है।इससे पहले भी झारखंड के कई रहिवासियों की मौत हो चुकी है।
अली ने बताया कि रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है।
उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग जिले से रोजी कमाने गये रहिवासियों की है। जो अपना घरबार छोड़कर परदेस गये।
इन मजदूरों की जिंदगी तो कष्ट में बीतती ही है, मौत के बाद भी उनकी रूह को चैन नसीब नहीं होता है। किसी की लाश हफ्ते भर बाद आती है, तो किसी को ढाई से तीन महीने भी लग जाते हैं। ऐसे में सरकार को राज्य में हीं रोज़गार की ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि मजदूरो का पलायन को प्रभावी तरीके से रोका जा सके।
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