विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में खास गोमियां चारों तरफ से नदियों से घिरा है, बावजूद इसके वर्षो से यहां के रहिवासी लगातार पानी के लिए जद्दोजहद करते देखे जा रहे हैं। सवाल है कि आखिर कब बुझेगी गोमियां के रहिवासियों की प्यास?
जानकारी के अनुसार बोकारो जिला के हद में चारों ओर नदियों से घिरा रहने के बाद भी गोमियां एवं पलिहारी पंचायत रहिवासी आज भी हर रोज पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
दो पानी टंकी होने के बावजूद यहां के रहिवासियों को पीने के लिए स्वच्छ पानी नसीब नहीं होता। सुबह, दोपहर और शाम स्थानीय रहिवासी स्वच्छ पानी पीने के लिए डेढ़ से दो किलोमीटर हर रोज चक्कर लगाते हैं। तब जाकर पीने के लिए स्वच्छ पानी नसीब होता है।
जानकारी के अनुसार आईएल स्थित ओरिका कंपनी की ओर से लगाई गई तीन हजार लीटर की सिंटेक्स में रोज पानी भरा जाता है, किंतु यह पानी तीन घंटे में ही खत्म हो जाता है। चिलचिलाती गर्मी में रहिवासियों को जरूरत भर का पानी नहीं मिल पा रहा है।
महिलाएं एवं बच्चे जहां जिन्हें स्वच्छ पानी की खबर लगती है वहां दौड़ जाते हैं, ताकि परिवार जन स्वच्छ पानी पी सके। बोकारो नदी में बनी इंटेक वेल गर्मियों के दिनों में पानी की आपूर्ति नहीं कर पाता है।
बताया जाता है कि पलिहारी गुरुडीह पंचायत में एक गली ऐसी है जहां पाइपलाइन बिछाने के बाद भी पानी नहीं मिलता। वहीं दूसरी ओर स्वांग ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत दो हजार सात सौ उपभोक्ताओं को जोड़ने का लक्ष्य है, किन्तु रहिवासियों के अनुसार जान बूझकर तथाकथित कुछ लोग इस लक्ष्य को पूरा होने नहीं दे रहे हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर बोकारो उपायुक्त से भी पत्राचार कर चुके हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कब बुझेगी गोमियां के रहिवासियों की प्यास।
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