मुंबई। मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) मोनोरेल चलाने वाली लार्सन ऐंड टर्बो- स्कोमी इंजिनियरिंग (एलटीएसई) को दंडित करेगी। यह दंड रविवार को मोनोरेल में आई तकनीकी खामियों के कारण लगाया जाएगा। कार्रवाई कुछ लोगों के सस्पेंशन की भी हो सकती है। दअसल 10 महीने बाद मोनोरेल को बीते शनिवार को फिर से चलाया गया। चेंबूर चेक नाका के पास मोनोरेल रविवार को अचानक चलते-चलते रुक गई। इसमें सवार लोगों को आपदा प्रबंधन विभाग की मदद से नीचे उतारा गया। उसके बाद रेक को मरम्मत के लिए वडाला डिपो भेजा गया।
एमएमआरडी के जॉइंट डायरेक्टर दिलीप कवठकर ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। मोनोरेल के चलते-चलते रुक जाने की वजह खराब मैंटिनेंस हो सकता है। जांच के बाद जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर हम जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि तकनीकि खामी की वजह से जितनी भी ट्रिप कैंसल हुई हैं उसके अमाउंट की कटौती जिम्मेदारों से की जाएगी। कितनी ट्रिप कैंसल हुईं है और कितना नुकसान हुआ है इसका मूल्यांकन किया जा रहा है। एमएमआरडीए मोनोरेल चलाने के लिए ऑपरेटर को हर ट्रिप का 4,600 रुपये देती थी लेकिन इसे बढ़ाकर 10,600 रुपये कर दिया गया था।
मोनोरेल 1 फरवरी 2014 को चलाई गई थी। पिछले साल नवंबर में इसके रैक के दो कोचों में आग लग जाने के बाद इसे संचालन को रोक दिया गया था। रविवार को इसके सिर्फ तीन रैक चलाए गए। एमएमआरडीए प्रबंधन के अनुसार मोनो रेक के ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम (एटीपीएस) में खराबी आ गई थी। इस वजह मोनो रेल रुक गई। एटीपीएस सिस्टम मोनो रेक की कार्य प्रणाली को संचालित करता है। इसकी मरम्मत में केवल 30 मिनट लगते हैं। वहीं आपदा प्रबंधन के अनुसार पावर सप्लाई की केबल लटकने से विद्युत आपूर्ति में दिक्कत आई और मोनो रुक गई।
इससे पहले भी एमएमआरडीए ने ऑपरेटर पर इस तरह का जुर्माना लगाया था। वाडला और जैकब सर्किल के बीच दूसरे फेस का काम समय से पूरा न करने पर विभाग ने कंस्ट्रक्शन कंपनी पर 7.5 लाख रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगाया था। वाडला और चेंबूर के बीच मोनोरेल सेवा सुबह 6 बजे शुरू होती है। हर पंद्रह मिनट के अंतराल पर यह मिलती है। तीन रैक रोज 130 ट्रिप लगाती हैं। रात में अंतिम ट्रिप वाडला में 9 बजकर 53 मिनट पर और चेंबूर में 10 बजकर 8 मिनट पर खत्म होती है।
एमएमआरडीए के अनुसार, दूसरे चरण का निर्माणकार्य भी पूरा हो चुका है। अक्टूबर में 2 रेक और सेवा में जुड़ जाने की बात स्कामी इंटरनैशनल ने कही है। नवंबर तक रेक की समस्या का निबटारा कर मोनो रेल का दूसरा चरण वडाला से संत गाडगे चौक के बीच जनवरी, 2019 से शुरू किया जाएगा। बता दें कि मौजूदा समय में मोनो के सिर्फ 5 रेक ही परिचालन लायक हैं,जबकि 2 और रेक अक्टूबर परिचालन के लिए फिट हो जाएंगे।
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