उड़ीसा के क्योंझर औद्योगिक नगरी बड़बिल में भारी वाहनों के आवागमन से वायु प्रदूषण
प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। इन दिनों झारखंड की सीमा से सटे उड़ीसा राज्य के क्योंझर जिला के हद में औद्योगिक नगरी बड़बिल में भारी वाहनों के लगातार आवागमन के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति पूरी तरीके से क्षेत्र में बनी हुई है। भारी वाहनों के परिचालन के कारण उड़ते धूल कणों ने सड़कों से लेकर रहिवासियों के घरों तक परेशानी का सबब बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार लगातार ट्रांसपोर्टिंग व बढ़ते कारोबार के कारण दिन प्रतिदिन ट्रैफिक अव्यवस्थित रहने से प्रदूषण को बढ़ाती जा रही है। इस संदर्भ में क्षेत्र के युवा समाजसेवी संदीप शर्मा ने 25 अप्रैल को एक भेंट में बताया कि वेक्यूम मशीन के सहारे यदि जिला प्रशासन जनसेवा के ध्येय से कार्य करें, तो सड़कों के किनारे पड़े घूल कण को हटाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि वर्षा होने के बाद सड़कों पर जमी उड़ने वाली धूलकण लगभग 10 प्रतिशत तक कम हो जाती है। उद्योग नगरी बड़बिल क्षेत्र से बड़े पैमाने पर रेवेन्यू स्थानीय प्रशासन को दिया जा रहा है। बावजूद इसके रहिवासी स्वच्छ ऑक्सीजन के अभाव में नारकीय जीवन जीने को विवश हैं।
उन्होंने बताया कि सड़कों पर पड़े धूल कण वाहनों के लगातार दौड़ने के कारण 300 से 400 मीटर की दूरी तक घरों में प्रदूषण का कहर बरपा रही है। बडबिल क्षेत्र में बढ़ते व्यापार के कारण दोपहर 2 बजे से संध्या 4 बजे तथा रात्रि 8 बजे से सुबह 8 बजे तक वाहनों का परिचालन पर रोक लगाई गई है। बावजूद इसके सड़को पर जमा धुलकण वायु प्रदूषण को बढ़ाता प्रतीत हो रहा है।
शर्मा ने बताया कि बड़बील के उद्योग नगरी क्षेत्र से कोयले के साथ आयरन ओर का व्यापार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि सड़कों पर जमे धूल कणों के मिश्रण राहगीरों तथा रहिवासियों के बीच कष्टप्रद एवं दुर्भाग्यपूर्ण जीवन जीने को विवश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा उक्त समस्या को अविलंब निराकरण किया जाना चाहिए, अन्यथा मानव जीवन आंशिक रूप से दु:खद एवं कष्ट में आने से रोकना असंभव हो जाएगा।
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