एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र के नए महाप्रबंधक डीके गुप्ता ने 25 अप्रैल की संध्या क्षेत्र का प्रभार ग्रहण किया। उन्हें निवर्तमान महाप्रबंधक हर्षद दातार ने महाप्रबंधक कार्यालय कक्ष में पदभार सौंपा। दातार का स्थानांतरण सीसीएल मुख्यालय रांची कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार महाप्रबंधक पद पर डीके गुप्ता के पदभार ग्रहण करने के बाद से लगातार बधाइयों का तांता लगा है। बधाई देने वालों में क्षेत्र के ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारीगण, विभिन्न ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेतागण शामिल थे।
इस अवसर पर पत्रकारों से एक भेंट के क्रम में नए महाप्रबंधक गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के जयपुर में हासिल की। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक के सूरतकल स्थित एनआईटी से माइनिंग की पढ़ाई की। वे वर्ष 1991 के 25 सितंबर को साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के कोरबा क्षेत्र के हद में बाकिसुरा कक्षार कोलियरी में योगदान शुरू किया।
इसके बाद वे कोरबा क्षेत्र के विभिन्न कोलियरियों में कार्य किया। वर्ष 1997 में प्रथम श्रेणी पास करने के बाद प्रबंधक के तौर पर एसईसीएल के भीलवाड़ी में प्रबंधक के तौर पर योगदान दिया, जहां वे बालजी, जमुना, केतवा में 2005 तक रहे। इसके बाद वर्ष 2009 से 2013 तक चिड़िमीरी तथा पुनः बाकिसुरा कछार में रहे।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में पुनः पदोन्नति प्राप्त करने के बाद वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) के पाथरखेड़ा तथा उमरेड़ में सब एरिया मैनेजर के पद पर कार्य किया। पदोन्नति के पश्चात अप्रैल 2021 में सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (सीसीएल) बीएंडके क्षेत्र के एकेके परियोजना खासमहाल में परियोजना पदाधिकारी बनाए गए, जहां एक वर्ष तक सेवा देने के बाद कथारा क्षेत्र के स्वांग गोविंदपुर फेस-दो परियोजना के परियोजना पदाधिकारी के तौर पर कार्य किया।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सीसीएल, डब्ल्यूसीएल तथा एसईसीएल तीनों कंपनी में कार्य संस्कृति में नाम मात्र का परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने बताया कि अन्य कंपनियों के वनिस्पत सीसीएल का भविष्य काफी उज्जवल है। उन्होंने बताया कि दूसरी कांपनियों में हल्की बारिश में जहां उत्पादन प्रभावित हो जाता है, जबकि सीसीएल के खदानों में यह स्थिति नहीं है।
क्षेत्र में कोयला, लोहा तथा डीजल चोरी रोकने के उपाय के संबंध में महाप्रबंधक गुप्ता ने कहा कि इसे रोकने के लिए क्षेत्र के अधिकारियों, कर्मचारियों, ट्रेड यूनियन नेताओं, स्टेक होल्डर तथा प्रशासन (Stakeholders and Administration) का सहयोग जरूरी है। तभी चोरी पर अंकुश लगाया जा सकता है।
क्षेत्र के जारंगडीह में प्रदूषण समस्या से बचाव के संबंध में उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए समुचित संसाधन है, बशर्ते इसका नियमित तौर पर उपयोग किया जाना आवश्यक है। मौके पर महाप्रबंधक के वरीय निजी सहायक निरंजन विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।
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