मुंबई। देश की बहूराष्ट्रीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) अब घरों में पाइपलाइन के जरिये रसोई गैस पहुंचाने की योजना बना रही है। इसके मद्देनजर देश की सबसे बड़ी खुदरा तेल कंपनी आईओसी अब अपने पारंपरिक तेल शोधन और विपणन कार्यक्रम की तरह ही गैस कारोबार पर बड़ा दांव लगाने की तैयारी में है। ऐसा कंपनी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा है। उन्होंने कहा है कि इंडियन ऑयल की शहरी गैस वितरण परियोजनाओं में अगले 5 से 8 वर्षों में 20,000 करोड़ रुपये निवेश की योजना है।
कंपनी को उम्मीद है कि सीएनजी ने आज वाहनों में पेट्रोल और डीजल के इस्तेमाल को कुछ हद तक बदला है। इसी तरह घरों में भी एलपीजी की जगह पाइप रसोई गैस का उपयोग होने लगेगा। बाजार में अपनी स्थिति को बरकरार रखने के लिये कंपनी इस कारोबारों में प्रवेश करना चाहती है।
आईओसी चेयरमैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, कंपनी ने हाल में शहरी गैस वितरण (सीजीडी) के लिए आयोजित बोली प्रक्रिया में लाइसेंस के लिये अन्य सार्वजनिक कंपनियों की तुलना में अधिक आक्रामक तरह से बोली लगाई। कंपनी को करीब 20 शहरों में वाहनों के लिये सीएनजी और घरों एवं उद्योगों में पाइपलाइन के जरिये रसोई गैस (पीएनजी) की आपूर्ति के लिये खुदरा लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। यह पहले से कंपनी को मिले करीब 10 लाइसेंसों के अलावा हैं।
उन्होंने कहा कि हमने 9वें दौर की बोली में 86 शहरों या भौगोलिक क्षेत्रों में से 57 के लिये बोली लगायी है। इनमें से हमें 20 शहरों में गैस की आपूर्ति करने के लिये लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। इसमें एक या दो की बढ़ोत्तरी या कमी हो सकती है। सिंह ने कहा कि इन शहरों में पांच से आठ सालों में कम से कम 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा।
इसमें सीएनजी स्टेशन स्थापित करने के साथ-साथ घरों में रसोई गैस पहुंचाने के लिये पाइपलाइन बिछाना शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि हम देख रहे हैं कि पीएनजी धीरे-धीरे एलपीजी की जगह ले रहा है और सीएनजी का उपयोग निकट भविष्य में बड़े पैमाने पर होगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोकेमिकल्स विनिर्माण के लिये एलपीजी उत्तम कच्चा माल हो सकता है।
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