प्रहरी संवाददाता/बगोदर (गिरिडीह)। झारखंड के प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। इसी क्रम में गिरिडीह जिला के हद में सरिया थाना क्षेत्र के गडेया के मजदूर की कर्नाटक के मेंगलूरू में 19 अप्रैल को जेसीबी में कार्य करने के दौरान पहाड से मिट्टी धंसने से मौत हो गयी।
मिली जानकारी के अनुसार सरिया थाना के हद में गडेया के मंजूर अंसारी का 21 वर्षीय पुत्र कौसर अंसारी की मेंगलूरू में मिट्टी धंसने से मौत हो गयी। मौत की सूचना मिलते ही परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं ईद के मुकद्दस मौके पर गांव में शोक का माहौल हैं।
मृतक कौसर अंसारी मेंगलूरू में ट्रक तथा जेसीबी ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था।कौसर दस महीने पूर्व मेंगलुरु काम करने गया था। वह घर का एकलौता कमाऊ पुत्र था। मृतक अपने पीछे पत्नी, एक साल की मासूम पुत्री उजाला प्रवीन को छोड़ गया है।
इस घटना को लेकर बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने संवेदना व्यक्त की हैं तथा परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। वही प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने संवेदना प्रकट करते हुए कहा है कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है।
इससे पहले भी कई प्रवासी मजदूरों की मौत देश के विभिन्न राज्यों सहित विदेशो में हो चुकी है। उन्होंने कहा कि रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है।
समाजसेवी सिकंदर अली ने बताया कि प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद झारखंड के बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग जिले से रोजी कमाने गये जरूरतमंदो की है। उन्होंने बताया कि अपना घर बार छोड़कर परदेस गये इन मजदूरों की जिंदगी तो कष्ट में बीतती ही है, मौत के बाद भी उनकी रूह को चैन नसीब नहीं होता है।
किसी की लाश हफ्ते भर बाद आती है, तो किसी को ढाई से तीन महीने भी लग जाते हैं। ऐसे में सरकार को रोज़गार की ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि मजदूरो का पलायन को कारगर तरीके से रोका जा सके।
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