मुंबई। महानगर मुंबई में मानसून के कमजोर होने के बाद भी डेंगू और लेप्टो का प्रकोप मुंबई में थम नहीं रहा है। डेंगू , लेप्टो व मलेरिया की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 1 से 15 अगस्त के बीच डेंगू के 79 मामले व लेप्टो के 28 मामले दर्ज हुए है। 15 दिनों के भीतर डेंगू के 1 हजार 183 संदिग्ध मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। पीड़ितों की लगातार बढ़ती संख्या के बाद मनपा के दावों की पोल खुल गई गई। मुंबई में मानसून की रफ्तार कम होने के बावजूद दूषित पानी से होने वाले रोग लेप्टो के पीड़ितों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है।
लेप्टो की वजह से चेंबूर के रहने वाले 50 वर्षीय बुजुर्ग को अपनी जान गंवानी पड़ी है। बुखार व बदन दर्द की शिकायत के बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती किया गया था। किंतु रेस्पिरेटरी फेलियर की वजह से मरीज की मौत हो गई। लेप्टो से मौत के बाद मनपा ने पीड़ित के समीप में रहने वाले 500 परिवारों की जांच की। 1 हजार 875 लोगों की स्वास्थ्य जांच में 6 के बुखार व 5 के यूआरटीआई से ग्रसित होने का पता चला है। लेप्टो के साथ ही मलेरिया की वजह से कोलीवाडा के 52 वर्षीय मरीज की मृत्यु हो गई है। मलेरिया से मौत के बाद मनपा ने जीएस वार्ड के 539 घरों के 2 हजार 25 लोगों की जांच की। इसमें से 3 लोगों के बुखार से पीड़ित होने का पता चला है। अगस्त के 15 दिनों में मलेरिया के 415 मामले, गैस्ट्रो के 376 और हेपेटाटिस के 81 मामले दर्ज हुए है।
- मलेरिया – 415
- गैस्ट्रो – 376
- डेंगू – 79
- लेप्टो – 28
- हेपेटाटिस – 81
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