अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) कार्यालय परिसर में 12 अप्रैल को बिहार राज्य अध्यापक नियुक्ति नियमावली के विरोध में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री का पुतला फूंक कर जोरदार विरोध प्रदर्शित किया।
आक्रोशित शिक्षक एक स्वर से अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 को रद्द करने सहित अपने कई लंबित मांगों की पूर्ति के लिए आवाज बुलंद कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की जिला शाखा वैशाली ने प्रदेश कमिटी के आह्वान पर बिहार के मुख्यमंत्री (सीएम) तथा शिक्षामंत्री का पुतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया। संघ के जिलाध्यक्ष उत्पल कांत के नेतृत्व में पुतला दहन में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए।
मांगो में मुख्य रूप से विद्यालयों में कार्यरत सभी नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने, समान काम का समान वेतनमान के साथ-साथ पुरानी पेंशन योजना देने आदि मांग शामिल है।
इस अवसर पर संघ के वैशाली जिलाध्यक्ष उत्पलकांत ने सरकार के निर्णय का तीखा विरोध करते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों के धैर्य की परीक्षा न ले, नहीं तो शिक्षकों के आक्रोश की अग्नि में सरकार जलकर भस्म हो जाएगी। उन्होंने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए अविलंब शिक्षकों की मांगों को पूरा करने की बात कही।
मौके पर शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि आज नियोजित शिक्षकों को जो मिला है वह उसके संघर्ष का फल है, न कि किसी मंत्री या मुख्यमंत्री की खैरात का फल है। शिक्षक नेताओं ने मांग पूरी नही होने पर आंदोलन तेज करने की भी धमकी दी।
सभा को संबोधित करते हुए उर्दू टीचर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मोहम्मद अजीमुद्दीन अंसारी ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी। कार्यक्रम में जिला कोषाध्यक्ष रविंद्र कुमार, उपाध्यक्ष राणा अभय कुमार, ललित दास, प्रखंड अध्यक्ष वकील राय, अशर्फी दास, मोहम्मद अकबर अली, सत्येंद्र कुमार, मनोज कुमार, सिकंदर कुमार, अशोक कुमार, राजन कुमार, पैक्स अध्यक्ष बच्चा यादव के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षक- शिक्षिका उपस्थित थे।
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