दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर प्रतिमा का अनावरण
आदिवासी बच्चों मे शिक्षा का अलख जगाने में लगा है डीएवी प्रबंधन-जेपी शूर
प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में स्वामी दयानंद सरस्वती की नव निर्मित प्रतिमा का अनावरण, स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में डीएवी संस्था के निदेशक पीएस-वन जेपी शूर द्वारा किया गया।
डीएवी निदेशक की अध्यक्षता, सेल गुवा मुख्य महाप्रबंधक विपिन कुमार गिरी, प्राचार्य डॉ मनोज कुमार एवं सेवा निवृत कार्यपालक निदेशक अशोक कुमार वर्मा के अगुवाई में यहां कार्यक्रम आयोजित की गई।
मौके पर कार्यक्रम के आयोजन में डीएवी संस्था राँची के एआरओ एम के सिन्हा, बोकारो एवं धनबाद जोन के एआरओ अरुण कुमार, गिरीडीह जोन के पीएस हाजरा, डीएवी बिष्टुपुर प्राचार्य प्रज्ञा सिंह, डीएवी चिरिया प्राचार्य एसके झा, डीएवी झींकपानी प्राचार्य एसके पाठक, डीएवी नोवामुंडी प्राचार्य प्रशांत कुमार भुइया एवं डीएवी बहरागोड़ा प्राचार्य अनूप कुमार मुख्य रूप से शामिल थे।
इस अवसर पर बच्चों में वैदिक संस्कार डालने हेतु यज्ञशाला का शिलान्यास सेल संबद्ध महिला समिति की अध्यक्षा स्मिता गिरी, पूर्व अध्यक्षा लाली वर्मा एवं समाज सेविका सुमन पांडेय द्वारा किया गया। महिला समिति अध्यक्षा के अनुसार यज्ञ के जरिये आध्यात्मिक संपदा की भी प्राप्ति होती है। बच्चों में यज्ञ के माध्यम से अच्छे संस्कार डालें जा सकते हैं। देश के सिद्ध-साधक संतों और ऋषि-मुनियों ने समय-समय पर लोक कल्याण के लिए यज्ञ करवाया है।
डीएवी संस्थान के निदेशक जेपी शूर ने इस अवसर पर कहा कि भारत के महान संत स्वामी दयानंद सरस्वती ने नारा दिया था कि वेदों की ओर लौटो, यह पूर्णत: अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि आर्य समाज श्रेष्ठ लोगों का समुदाय है। पूरी दुनिया में वसुधैव कुटुंबकम् का बड़ा कार्य कर रहा है।
जो भूमंडलीकरण/विश्वग्राम बनाने में सहायक सिद्ध होगा। डीएवी गुवा के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के अनुसार स्वामी दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती पूरे देश में हर्षोल्लास एवं श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। आर्य समाज के संस्थापक तथा समाज-सुधारक की सच्ची छवि बच्चों के मन में जागृत करना नितांत आवश्यक है।
डीएवी झारखंड जोन ए के एआरओ ओपी मिश्रा ने कहा कि वर्तमान परिवेश में विज्ञान, गणित व अन्य विषयों के साथ साथ वेद का अध्ययन विद्यार्थियों के लिए नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद के विचार सनातन संस्कृति और सद्भाव का सृजन करते हैं। इससे विद्यार्थी उर्ध्वरेता बन पाएंगे। अन्ततः भारत विश्व गुरु बनने की ओर आगे बढ़ पाएगा ।
सेल गुआ के मुख्य महाप्रबंधक विपिन कुमार गिरी ने स्वामी दयानंद को एक महान संत व आर्य समाज का मसीहा बताते हुए कहा कि दयानंद सरस्वती ने वेदों के प्रचार – प्रसार में अपना अधिकांश समय व्यतीत करते हुए भारत को अंधविश्वास से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि दयानंद सरस्वती ने यज्ञ हवन व अन्य सुकर्मों द्वारा वातावरण की शुद्धता बनाए रखने में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का भी अनुपालन किया।
प्रतिमा अनावरण के अवसर पर 9 अप्रैल को विद्यालय परिसर में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन डीएवी दिल्ली के मुख्यालय के निदेशक जेपी शूर के साथ-साथ दर्जनों पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में स्वामी दयानंद के जीवन पर मनोरंजक नाटक व नृत्य प्रस्तुत किया गया।
प्रेरणा दायक व शिक्षाप्रद पूरे सांस्कृतिक कार्यक्रम की गुवा वासियों ने भूरि भूरि प्रशंसा की। विद्यार्थियों ने शिक्षकों के दिशा निर्देश में स्टेज पर मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की। बच्चों के स्वामी दयानंद स्किट, दयानंद नृत्य, रायमिंग डांस, डूबी डूबी नृत्य, माइम एक्ट, महाभारत आधारित समूह नृत्य, अंधविश्वास को मिटाने के लिए डरावना नाटक व जेनरेशन गैप पर शैडो एक्ट के साथ साथ भांगड़ा नृत्य मनमोहक रहा।
उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएवी निदेशक फेज वन जेपी शूर ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बच्चों के भविष्य निर्माण, अच्छे संस्कार हेतु वेदों की ओर लौटो का संकल्प कराया। इस कार्य के लिए आदिवासी बच्चों में शिक्षा का अलख जगाने हेतु डीएवी मैनेजिंग कमेटी का आश्वासन दिया।
साथ ही कहा कि मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ कि सेल प्रबंधन के सहयोग से दयानंद सरस्वती की लौह निर्मित प्रतिमा का अनावरण किया गया। महाप्रबंधक गिरी ने आर्य समाज के स्तंभ साधना स्वाध्याय संयम और सेवा को नर से नारायण बनने की क्षमता बताया।
उन्होंने बच्चों को आत्म प्रेरित करते हुए मेहनत कर पसीना बहाने का संदेश दिया। डीएवी गुआ के स्वर्णिम भविष्य एवं बच्चों के विकास का हर तरह का आश्वासन देते हुए सूर्य को प्रकाश की तरह तन एवं मन से प्रकाशवान होने का आशीर्वाद दिया।
सेल के कार्यपालक निदेशक अशोक कुमार वर्मा ने बच्चों एवं विद्यालय की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। कार्यक्रम के सफल आयोजन में विद्यालय परिवार का अविस्मरणीय योगदान रहा। स्कूल के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने विद्यालय के विकास एवं बच्चों के उत्कृष्ट शिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ विद्यालय की गतिविधियों व वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में बच्चों द्वारा स्वागत गान, गायत्री मंत्र के साथ जहां कार्यक्रम की शुरुआत हुई वहीं शांतिपाठ के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन बारहवीं की छात्रा ऋषिता सामंता एवं दसवी की छात्रा श्रेया आचार्य ने किया।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दिल्ली मुख्यालय निदेशक जेपी शूर को स्मृति चिन्ह एवं शाल ओढ़ाकर प्राचार्य द्वारा आगंतुक सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया।मौके पर करीब पंद्रह सौ बच्चों के साथ विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य, सेल कर्मी, ग्रामीण, शिक्षा प्रेमी आदि उपस्थित थे।
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