एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला में संचालित प्रतिष्ठित निजी स्कूलों द्वारा लगातार अभिभावकों का शोषण किया जा रहा है। इन स्कूलो की बुक परिवर्तन, विगत वर्ष व् इस वर्ष फीस वृद्धि की जाँच जिला उपायुक्त द्वारा की जाये।
इस संदर्भ में झारखंड अभिभावक संघ के बोकारो जिलाध्यक्ष महेंद्र राय ने 9 अप्रैल को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बोकारो जिला के निजी स्कूलों ने सीबीएसई गाइडलाइंस तथा झारखंड सरकार द्वारा आदेश का उलंघन किया है। सभी निजी स्कूलों ने अपनी गलत जानकारी शिक्षा विभाग, सीबीएसई को दी।
उन्होंने बताया कि बोकारो जिला के हद में सीसीएल, बीएसएल, बीसीसीएल द्वारा अधिकृत भूमि पर बने सभी निजी स्कूल किसी न किसी ट्रस्ट, संस्थान द्वारा संचालित होती हैं। जिसके कारण बीएसएल, सीसीएल, बीसीसीएल प्रबंधन से कम दर में जमीन उपलब्ध हुई। आज ये एक व्यवसाय के रूप मे शिक्षा को बेच रहे हैं।
ट्रस्ट व संस्थान जब रजिस्टर्ड कराते हैं तो वे नो प्रॉफिट नो लोस के तहत निबंधन करवाते हैं। प्रत्येक निजी स्कूल द्वारा प्रति वर्ष करोड़ों रुपये की अबैध रूप से कारोबार किया जा रहा है। इन स्कूलों द्वारा आवंटित जमीन के अलावा सैकड़ों एकड़ जमीन, स्कूल भवन का नक्शा, पार्किंग के नाम पर अवैध कब्जा, प्रति वर्ष बुक परिवर्तन कर करोड़ों रुपए अवैध रूप से कमा रहे हैं।
राय ने कहा है कि, मनमानी बुक की राशि प्रिंट कर 70 प्रतिशत तक कमीशन के रूप मे कमाई हो रही है। सभी निजी स्कूल किसी एक संवेदक द्वारा ही बुक को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसकी जाँच जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक को करनी चाहिये।
मगर विभाग मौन है। शिकायत मिलने पर केवल बयान देकर खानापूर्ति की जाती रही है। जिससे इन निजी विद्यालयों द्वारा प्रतिवर्ष अभिभावकों का शोषण किया जाता है। विभाग भी जानता है कि किस स्कूल ने कितनी फीस की बढ़ोतरी की जा रही है, क्योंकि इनके भी बच्चे इसी स्कूलो से शिक्षा ग्रहण करते है।
राय ने कहा कि जिला उपायुक्त की अध्यक्षता मे झारखंड अभिभावक संघ व सभी स्कूल प्रबंधन के सदस्य बैठक कद 7 दिनों के अंदर निजी स्कूलों की 2021-22 एवं 2022-23 सत्र में किये गये बुक परिवर्तन, फीस व री एडमिशन की जांच नहीं किया गया तो झारखंड अभिभावक संघ जिला उपायुक्त कार्यालय के समक्ष विशाल जनाक्रोश प्रदर्शन करेगा।
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